रांची(RANCHI) : राज्यसभा की एक सीट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी उतारे जाने के बाद कांग्रेसी नेताओं में नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. नाराजगी इतनी कि गठबंधन के प्रमुख सहयोगी होने के बावजूद जेएमएम प्रत्याशी के नामांकन में एक भी कांग्रेसी नेता विधानसभा नहीं पहुंचा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जेएमएम के तमाम मंत्री, विधायक, आरजेडी कोटे के मंत्री सत्यानंद भोक्ता जहां जेएमएम प्रत्याशी के नामांकन को लेकर विधानसभा में हैं, वहीं कांग्रेस के सभी विधायक अभी पार्टी मुख्यालय में प्रभारी अविनाश पांडे के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक भी इतनी गंभीर, कि कांग्रेस के सभी विधायक प्रभारी संग वन टू वन बैठक कर राज्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दे रहे हैं. ऐसे में अभी प्रदेश की राजनीति में तरह-तरह की अटकलें चल रही हैं.
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने जाहिर की नाराजगी
JMM द्वारा एकतरफा उम्मीदवार की घोषणा किए जाने के बाद से कांग्रेस के अंदर नाराजगी देखी जा रही है. कांग्रेस की महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने झामुमो पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का अपमान करने का आरोप लगाते हुए जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से गठबंधन के अंदर माहौल चल रहा है वह कहीं से भी उचित नहीं है. जिस तरह से चुनाव आयोग द्वारा रिलेक्सेशन दी गयी है, उससे लगता है कि एक अलग गठबंधन के तहत झामुमो ने यह कदम उठाया है. झामुमो के इस रुख पर नाराजगी जताते हुए अपमानित करने का आरोप लगाया है.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं से बात कर रहे है.सीट नहीं मिलने से कांग्रेस के भावना को ठेस पहुंचा है.उन्होंने कहा कि विधायक और नेताओं से बैठक के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि हेमन्त सोरेन ने अकेले निर्णय लिया है.यह गठबंधन के उम्मीदवार नहीं है.उन्होंने कहा कि मिलजुल कर तय करेंगे आगे की रणनीति. कांग्रेस के जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड आंदोलन में जितनी भूमिका झामुमो ने निभाई है उतना कांग्रेस भी.उन्होंने कहा कि फुरकान अंसारी ने झारखंड अलग करने कोलेकर बिहार के समय विधानसभा की सीट को ठुकरा दिया था.
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