रांची- झारखंड की हेमंत सरकार राज्यपाल रमेश बैस के द्वारा दिए गए आदेश को नहीं मानेगी. 10 जून को रांची के मेन रोड में हुई हिंसा के आरोपियों का अब पोस्टर नहीं लगेगा. सरकार ने यह मन बना लिया है कि इस तरह के काम से समस्या और बढ़ सकती है. गृह विभाग ने इस संबंध में रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख दिया है.
पोस्टर लगाने पर SSP से सरकार ने मांगा स्पष्टीकरण
गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने पत्र में कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा एक जनहित याचिका के तहत इस तरह के कार्य को गलत बताया गया था. राजभवन द्वारा उपद्रवियों के पोस्टर्स लगाने के आदेश के बाद रांची पुलिस ने आरोपियों के फोटो सहित पोस्टर्स तैयार कर लिए थे.इन्हें लगाने का भी काम शुरू हो गया था. लेकिन 10 मिनट के अंदर ही इन्हें उतार दिया गया.
पोस्टर पर सियासत जारी
राज्यपाल के आदेश के तहत रांची पुलिस द्वारा पोस्टर्स तैयार कर लगाने के कार्य को झारखंड की मोर्चा ने गलत बताया था. बुधवार को कांग्रेस ने भी यह कह कर बात को और गंभीर बना दिया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं है. इसलिए राज्यपाल का आदेश सरकार मानने को बाध्य नहीं हो सकती.
राजभवन और राज्य सरकार आमने सामने
इस नए विवाद के बाद राज्य सरकार और राजभवन के बीच तल्खी बढ़ सकती है.इसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही थी. जिस समय से पोस्टर्स को हटा लिया गया तभी से यह बात चर्चा में है.अब देखना है कि राजभवन इस विषय पर क्या करता है.
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