रांची(RANCHI): बेरमो से कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने 31 जुलाई को अरगोड़ा थाना में तीन विधायकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. आज उसी थाना में उनके खिलाफ ही शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसमें शिकायत करने वाले दीपक राव सिंह ने कहा है कि इरफान अंसारी, नमन विक्सल और राजेश कच्छप अपने निजी काम से गुवाहाटी गए थे और 30 जुलाई को कोलकाता पहुंचे थे. क्योंकि 9 अगस्त को World Tribal Day है और उस दिन विधायको को साड़ी का वितरण करना था. लेकिन इतने में ही वहां की पुलिस उन्हें पकड़ लेती है 48 लाख कैश के साथ, जो पैसे उन्होंने साड़ी खरीदने के लिए रखा था. उन्होंने अनूप पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. कहा कि जानबूझकर अनूप ने केस दर्ज कराया, जिसके आधार पर ही उक्त तीनों कांग्रेसी विधायकों की गिरफ्तारी हुई है.
शिकायतकर्ता ने कहा है कि उनसे बिना कुछ पूछे पुलिस ने तीन विधायक, एक ड्राइवर और एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटनाक्रम दौरान पश्चिम बंगाल की सरकार ने पकड़े गए तीनों विधायक पर पैसे लेकर सरकार गिराने का आरोप लगाया. वहीं, सरकार ने इसमें बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी पर भी आरोप लगाया.
उसके अगले दिन 31 जुलाई को झारखंड कांग्रेस के विधायक अनूप जयमंगल सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाना में जीरो एपआईआर करवाई, जिसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया. उस दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि इरफान अंसारी और पकड़े गए दो और विधायक झारखंड की वर्तमान सरकार को गिराना चाहते हैं और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा शर्मा से मुलाकात करने की बात कर रहे थे.
वहीं, आज सोशल मीडिया में फोटो वायरल हो रही है, जिसमें अनूप जयमंगल सिंह असम के सीएम से मुलाकात करते दिख रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि अनूप सिंह उनसे काफी पहले मिले थे फिर एफआईआर इतना लेट क्यों दर्ज करवाया. इससे साफ पता चलता है कि वो भी बाकी विधायकों के साथ अनूप सिंह भी मिले हुए हैं.
शिकायतकर्ता ने कहा है कि इससे साफ पता चलता है कि तीनों विधायकों पर दर्ज मामला बिल्कुल गलत और फेक है. इसके बाद उन्होंने एक सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार के साल 2014 में दर्ज मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि अब पुलिस को अनूप सिंह के खिलाफ भी वही मामला दर्ज करना चाहिए जो बाकी पर हुआ है. इसलिए मैं अनूप सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को गलत और फेक करार देने की मांग कर रहा हूं.
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