रांची(RANCHI): मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े अनगड़ा माइंस लीज मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग में सुनवाई पूरी हो गई है. अब आयोग किसी भी दिन अपना फैसला सुना सकता है. अगर आयोग का फैसला सीएम के खिलाफ आया तो क्या होगा? इसी के मद्देनजर सीएम हेमंत सोरेन ने शनिवार को यूपीए (UPA) विधायकों की बैठक बुलाई है. जिसमें विधायकों को एकजुट रखने और अगले सीएम के चेहरे पर बात होने की संभावना जताई जा रही है. खबरें ये भी आ रही है सीएम बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं. वहीं, बात अगर नए सीएम के चेहरे की करें तो हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम की चर्चा जोरों पर है उसके पीछे की वजह गुरु जी के खराब स्वास्थ्य और आय से अधिक संपत्ति का मामला है जिसके वजह से पार्टी कल्पना का नाम आगे कर सकती है लेकिन झामुमो विधायक और गुरु जी की बड़ी बहू सीता सोरेन को नजरअंदाज करना पार्टी को भारी पड़ सकता है. गे चल रहा है.
कल्पना रेस में सबसे आगे फिर भी फंस सकता है मामला
कल्पना सोरेन के नाम पर भले ही यूपीए राजी हो जाए लेकिन कल्पना पर भी कई आरोप लगते रहे हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कल्पना सोरेन पर हरमू में जमीन लेने के दौरान सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन का आरोप लगाया था. इसके अलावा सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन झारखंड से भी नहीं है. ऐसे में क्या यूपीए उन्हें सीएम बनाने का रिस्क लेगा. क्योंकि भाजपा ने जब रघुवर दास को सीएम बनाया था तब कांग्रेस और झामुमो दोनों ने ही भाजपा पर आरोप लगाया था कि उन्हें पूरे राज्य में एक झारखंडी सीएम चेहरा नहीं मिला. अगर झामुमो कल्पना सोरेन को सीएम बनाता है, तो भाजपा झामुमो पर हावी हो सकती है.
सीता सोरेन के नाम पर क्या सहयोगी पार्टियां होंगी राजी !
कल्पना सोरेन के अलावा झामुमो के पास जामा विधायक सीता सोरेन का विकल्प मौजूद है. सीता सोरेन तीन बार की विधायक है और राजनीति में उनका अनुभव भी काफी लंबा रहा है. हालांकि सीता सोरेन भी झारखंडी नहीं हैं. इसके अलावा सीता सोरेन कई बार पार्टी लाइन से बाहर आकर भी काम करती देखी गई हैं. ऐसे में सीता सोरेन के नाम पर सारी सहयोगी पार्टियां राजी होती है या नहीं ये बड़ा सवाल है. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झामुमो भी सीता सोरेन के नाम पर दांव नहीं खेलना चाहता है.
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शिबु सोरेन की उम्र और स्वास्थ्य नहीं है ठीक
झामुमो के पास शिबु सोरेन का भी विकल्प मौजूद है लेकिन पार्टी को मालूम है कि उनके खिलाफ भी आय से अधिक संपति का मामला दर्ज है. भारत के लोकपाल ने झामुमो प्रमुख को 25 अगस्त को पेश होने को भी कहा है. ऐसे में झामुमो शिबु सोरेन को सीएम बनाने से पार्टी बचना चाहेगी इसके अलावा उनकी उम्र और स्वास्थ्य भी बड़ा कारण बताया जा रहा है. सभी पहलुओं को देखते हुए हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम फिलहाल सबसे आगे चल रहा है.
बैठक के बाद गैर बीजेपी राज्य में शिफ्ट हो सकते हैं यूपीए MLA
इसके अलावा सूत्रों से ये भी जानकारी मिल रही है कि सीएम आवास में विधायकों की बैठक के बाद सभी को दूसरे राज्य में शिफ्ट किया जा सकता है. हालांकि महिला विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र में ही रहने का आदेश दिया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक सभी विधायकों को गैर-भाजपा शासित राज्य शिफ्ट करने की तैयारी है. इसमें पश्च्म बंगाल और छतीसगढ़ का नाम सबसे आगे चल रहा है. दरअसल, झामुमो और कांग्रेस दोनों को डर है कि भाजपा उनके विधायकों को तोड़ने की पूरी कोशिश करेगी. क्योंकि प्रदेश कांग्रेस के तीन विधायकों पर पहले से ही भाजपा के संपर्क में होने का आरोप है और पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उन्हें 50 लाख कैश के साथ गिरफ्तार किया था. हालांकि पकड़े गए तीनों विधायकों को बेल मिल गई है लेकिन उन्हें तीन महीने तक कोलकाता में ही रहने को कहा गया है. ऐसे में झामुमो और कांग्रेस जैसी सत्तारूढ़ पार्टियां कोई रिस्क लेना नहीं चाहेंगी.
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