रांची(RANCHI): झामुमो सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन 25 अगस्त को भारत के लोकपाल के समक्ष पेश होंगे. शिबू सोरेन को लोकपाल के समक्ष पेश होने का आदेश न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी (न्यायिक सदस्य) और सदस्यों महेंद्र सिंह और इंद्रजीत पी. गौतम की पीठ ने चार अगस्त की सुनवाई के दौरान दिया था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, झामुमो सुप्रीमो के खिलाफ 5 अगस्त, 2020 को एक शिकायत दर्ज की गई थी. शिकायत में कहा गया था कि शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्य बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल हैं. सोरेन परिवार ने झारखंड राज्य के सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके, आय के ज्ञात और घोषित स्रोतों और उनके नाम पर कई वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां के अनुपात में बड़ी संपत्ति अर्जित की है. जिसके बाद लोकपाल की पूर्ण पीठ ने 15 सितंबर, 2020 को केंद्रीय जांच ब्यूरो को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था.
इसके बाद 1 जुलाई 2021 को सीबीआई ने एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों का नाम है. उसी रिपोर्ट के आलोक में लोकपालकी पूर्व पीठ ने 29 जुलाई, 2021 को आदेश पारित कर कहा कि प्रतिवादियों से टिप्पणियां/दस्तावेज मांगे जाने चाहिए. लोकपाल ने सीबीआई को जवाब की जांच करने और जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इसी बीच राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के सक्षम अधिकारी से टिप्पणियां मांगी गईं है.
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