रांची (RANCHI) : झारखंड के आईएएस अधिकारियों के लिए मई का महीना काल बनकर सामने आता है. कई रसूखदार आईएएस अधिकारी सलाखों के पीछे इसी मई महीने में पहुंच चुके हैं. चाहे पूजा सिंघल की बात करें या छवि रंजन हो और अब विनय चौबे. मई के महीने में ही सभी की गिरफ्तारी हुई. साल अलग-अलग था. उसके बाद अब चर्चा का बाजार गर्म हो गया और लोग मजे में लिख रहे हैं कि मई का महीना झारखंड के अधिकारियों के लिए सही नहीं है. अगर आप घोटाला करते हैं तो आप पर कार्रवाई मई के महीने में हो सकती है. अब तक परिवर्तन निदेशालय एक्शन में दिख रही थी, लेकिन अब एसीबी ने भी बड़ा हाथ मार लिया और उसने भी इसी मई महीने को चुना.
चलिए सबसे पहले बात करेंगे 12 मई 2022 की दिन गुरुवार का था. एयरपोर्ट रोड स्थित परिवर्तन निदेशालय के दफ्तर में वरिष्ठ आईएएस पूजा सिंगल से पूछताछ चल रही थी. पूछताछ सुबह 11:00 से शुरू हुई लेकिन जब शाम ढली और समय करीब 6 के आसपास पहुंच तब सूचना आई कि पूजा सिंघल को ED ने गिरफ्तार कर लिया है. इन पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा. मनरेगा से शुरू हुई जांच खनन विभाग तक पहुंच गई और जो दस्तावेज मिले उसे देखकर अधिकारी भी चौंक गए कि आखिर कैसे बड़े पैमाने पर झारखंड के पत्थर को काटकर बेच दिया गया. इसमें 1000 करोड रुपए का घोटाले का खुलासा ED ने किया.
इसके बाद फिर 2023 तारीख 04 मई दिन शनिवार. जब परिवर्तन निदेशालय ने समन भेज कर रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ शुरू हुई दिन के 11:00 बजे ईडी के कार्यालय में छवि रंजन पहुंचे थे. इन्हें जानकारी नहीं थी कि आज का दिन उनके लिए काल बनकर आया है. ठीक 5 से 6 बजे शाम तक छवि रंजन के भी गिरफ्तारी की खबर निकलकर सामने आयी. बताया गया कि जमीन घोटाला बड़े पैमाने पर रांची में किया गया है. उसमें डीसी रहते हुए छवि रंजन की भूमिका थी. जब जमीन की जांच शुरू हुई जो कई जमीन कब्जे की पोल खोल दी गई.
अब 20 मई 2025 दिन मंगलवार. आईएएस अधिकारी विनय चौबे के लिए अमंगल हो गया. शराब घोटाला मामले में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की और विनय चौबे को गिरफ्तार कर लिया. उनके गिरफ्तारी के बाद दावा किया गया की 38 करोड़ रुपए के घोटाले हुए हैं. आखिर में कोर्ट में पेशी हुई और फिर जेल भेज दिया गया.
अब जिस तरह से तीन बड़े आईएएस अधिकारी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं, ऐसे में अब लोग कह रहे हैं कि झारखंड के आईएएस अधिकारी जो घोटालेबाज हैं उनके लिए यह महीना सही नहीं है. सोचते हैं कि जल्दी से मई का महीना निकल जाए नहीं तो कब किसकी गिरफ्तारी कौन एजेंसी कर लें यह कहना मुश्किल है.
रिपोर्ट-समीर
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