रांची(RANCHI): कांग्रेस के तीनों विधायक की जमानत के बाद अब राज्य में सियासत तेज हो गई है. भाजपा इसे कांग्रेस की चाल बता रही है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र के तहत दो आदिवासी और एक अल्पसंख्यक विधायक को फंसाया है. जबकि कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि उसके विधायक की एकजुटता के साथ भाजपा के मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा कि कांग्रेस के तीनों विधायको को कोलकाता उच्च न्यायलय से जमानत मिल गई है. जो एक नयायिक प्रक्रिया है. लेकिन इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने इशारे इशारे में बेरमो  विधायक अनूप सिंह का नाम लेते हुए कहा कि एक गैर आदिवासी विधायक ने दो आदिवासी और एक अल्पसंख्यक विधायक को फंसाया है. उन्होंने कहा कि तीनों विधायक और उनके समर्थक कांग्रेस से सवाल पूछेंगे कि उनकी पार्टी ने कैसे फंसाया है. उन्होंने कहा कि जनता भी इस सवाल का जवाब जानना चाहेगी.

वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि तीनों विधायक की जमानत न्याय की प्रक्रिया के तहत मिली है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने मामले की तहकीकात के बाद भी बेल दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की थी. भाजपा हमेशा लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता में बने रहना चाहती है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जनता से नकारे जाने के बाद पैसे के बाल सरकार बनाना चाहते है. लेकिन कॉंग्रेस के विधायक टूटने वाले नहीं हैं.

30 जुलाई कि शाम रानीहाटी के पास हावड़ा ग्रामीण पुलिस ने तीनों विधायक को गिरफ्तार किया था. तीनों विधायक एक गाड़ी में सवार थे. गाड़ी की तलाशी लेने पर उसमें से 48 लाख रुपये बरामद किया गया था. जिसके बाद तीनों को हिरासत में ले लिया गया था. कोर्ट ने इस मामले की जांच बंगाल सीआईडी को सौपी. बंगाल सीआईडी की टीम इस मामले में दिल्ली, असम और झारखंड में भी छापेमारी कर चुकी है. बता दें कि विधायकों के गाड़ी से कैश बरामद होने के दूसरे दिन 31 जुलाई को बेरमो विधायक अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाना में तीनों विधायकों के खिलाफ सरकार को अस्थिर करने का मामला दर्ज कराया था.