टीएनपी डेस्क (TNP DESK): आज 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर कहा कि इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “आज, ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई और हमारे इतिहास के उस दु:खद दौर के पीड़ित सभी लोगों की सहनशीलता और धैर्य की सराहना करता हूं." इधर, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसके लिए सरकार और भाजपा को निशाने पर लिया है.
RJD नेता ने कहा कि देश के विभाजन और उसके साथ जुड़ी हुई विभीषिका को स्मरण कराना भाजपा सांप्रदायिक एजेंडा का ही हिस्सा है. यह पहला अवसर है जब देश के विभाजन को एक दिवस के रूप मोदी सरकार याद करा रही है. हमारी परंपरा में कड़वी यादों का दिवस नहीं मनाया जाता. तीस जनवरी गांधी हत्या का दिन है . लेकिन हम उसे गांधी हत्या दिवस के रूप में नहीं मनाते हैं. बल्कि शहीद दिवस के रूप में याद करते हैं. आज़ादी की लड़ाई जिन शहीदों ने अपनी जान की आहुति दी तीस जनवरी को शहीद दिवस के रूप में हम उन सबको एक साथ श्रद्धांजलि देते हैं.
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शिवानंद तिवारी कहते हैं, आज़ादी के संघर्ष में हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका इतिहास में दर्ज है. इन दोनों संगठनों का एक भी ऐसे प्रस्ताव का दस्तावेज नहीं है जिससे यह जानकारी प्राप्त हो सके कि इन्होंने महान संघर्ष में शामिल होने का प्रस्ताव पास किया हो. उस दर्मियान भी ये यही कहते रहे कि जिनकी पुण्य भूमि इस देश में नहीं है वे यहाँ दोयम दर्जे के नागरिक माने जाएँगे. इस प्रकार इन्होंने मुस्लिम लीग दो राष्ट्र के सिद्धांत का ही समर्थन कर देश के विभाजन में सहयोग दिया था. आज उसी प्रकार का माहौल बनाने की दिशा में ये आज के दिन को विभाजन दिवस के रूप में याद कराने का प्रयास कर रहे हैं. जबकि देश के अंदर मिल्लत और भाईचारे का माहौल को मज़बूत बनाने की ज़रूरत है.
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