रांची (RANCHI): झारखंड में सियासत नित्य नई करवट ले रही है. सूबे के अगुआ की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है. उनपर मंत्रीपद पर रहते हुए अपने नाम खनन पट्टा का लीज लेने का आरोप है. शिकायत राज्यपाल के मार्फत निर्वाचन आयोग पहुंची. आयोग ने अपना मंतव्य राजभवन भेज दिया, अब राज्यपाल की अनुशंसा के बाद आयोग स्पष्ट निर्णय लेगा. जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. लेकिन अगर सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों की मानें तो उनकी सदस्यता रद्द हो चुकी है. दूसरी ओर हेमंत को ऑपरेशन लोटस का भय सता रहा है. लगातार वो यूपीए विधायकों की परेड सुबह-शाम अपने आवास पर करा रहे हैं.
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय भी रांची पहुंच चुके हैं. कल विधायकों के साथ बैठक की. आज भी बैठक चल रही है. कांग्रेस और झामुमो विधायकों पर कुछ लोगों को संशय है कि कहीं भाजपा की डोर में ये फंस नहीं जाएं. हेमंत की भाभी विधायक सीता सोरेन और उनके छोटे भाई बसंत सोरेन को लेकर खबर चली कि वे भाजपा के संपर्क में हैं.
हालांकि पहली बैठक में ये दोनों सीएम आवस में नहीं दिखे थे. लेकिन कल जब यूपीए विधायक हेमंत की अगुवाई में लतरातू डैम घूमने गए तो सीता सोरेन और बसंत सोरेन की उपस्थिति ने उस खबर की हवा निकाल दी थी. सबसे बड़ा चकित करने वाला माजरा यह कल हुआ कि बसंत ने विपरीत बयान दे दिया. दैनिक हिंदुस्तान के मुताबिक उन्होंने कहा कि उनके संपर्क में भाजपा के दस विधायक हैं. इसके लिए उन्हें भाजपा के बड़े नेताओं ने दिल्ली भी बुलाया था. वो जानना चाहते थे कि उनकी पार्टी के कितने विधायक उनके संपर्क में हैं. बसंत ने पूछे जाने पर बताया कि समय आने पर वे सभी का नाम बताएंगे.
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