रांची(RANCHI): झारखंड में सियासी हलचल के बीच आने वाला 48 घंटा बेहद अहम है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनाव आयोग के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बीच राज्यपाल का दिल्ली दौरा बेहद खास हो गया है. राजनीतिक गलियारों में क़यासों के बाजार गर्म हैं. मुख्यमंत्री के खनन लीज मामले में चुनाव आयोग ने राजभवन को अपना पत्र भेजा है. इस पत्र को राज्यपाल आजकल में सार्वजनिक कर सकते हैं.
झारखंड में पिछले दस दिनों से राजनीतिक हलहल काफी तेज है. यूपीए ने प्लान बी भी तैयार रखा लिया है. स्थिति कुछ भी आएगी उससे निबटने के लिए पूरी तरह तैयारी है. सियासी संकट के बीच ही सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. यह सत्र भी बेहद अहम है.
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता चुनाव आयोग ने रद्द कर दी है. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ेगा. फिर झारखंड में एक नया चेहरा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दिख सकता है. कई चेहरों पर यूपीए की बैठक में चर्चा हुई है.
कल देर शाम यूपीए के 31 विधायक भी रायपुर से वापस रांची आएंगे. और वह सोमवार को होने वाले विधानसभा सत्र में शामिल होंगे. ऐसे में विधानसभा में अपना शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे.
रायपुर जाने के दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि जो भी फैसला आएगा, उसका इंतेजार है. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल जो भी फैसला सुनाएंगे वह कानून के दायरे में होगा. इसकी पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. हेमंत सोरेन ही मुख्यमंत्री रहेंगे.
इधर, विपक्षी दल भाजपा ने सत्ता को घेरेन के लिए अपनी भी तैयारी कर ली है. विधि-व्यवस्था और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को वो मुद्दा बनाकर सदन में हंगामा कर सकती है.
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