रांची(RANCHI): झारखंड सरकार में मंत्री और राज्य में इकलौते राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता आने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. अभी वह चतरा विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस सीट पर उनकी काफी अच्छी पकड़ है. बावजूद इसके सत्यानंद साल 2024 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके पीछे का कारण सामने आ गया है. दरअसल, चतरा विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. लेकिन भोक्ता समाज को अब एससी से एसटी वर्ग में डाल दिया गया है. ऐसे में उनका, उनके पत्नी, बेटी या बेटों का चुनाव लड़ना नामुमकिन है.
भोक्ता समाज की पकड़ मजबूत
चतरा विधानसभा क्षेत्र में 1985 से ही भोक्ता समाज की मजबूत पकड़ रही है. साल 1985 में इस क्षेत्र से सबसे पहले महेंद्र सिंह भोक्ता ने जीत हासिल की. इसके बाद फिर इस समाज के लोगों को राजनितिक हौसला मिला. साल 1985 के बाद 90 में भी महेंद्र सिंह भोक्ता ही जीत कर वापस विधायक बने. बाद में इस क्षेत्र से जनार्दन पासवान भी दो बार चुनाव जीते. इसके बाद वर्तमान में सत्यानंद भोक्ता ने जीत हासिल की और हेमंत सरकार में मंत्री बने.
अब जबकि भोक्ता जाति एससी से एसटी वर्ग में कर दी गई है, तो सत्यानंद की राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा, ये बड़ा सवाल है. लेकिन मिली जानकारी के अनुसार सत्यानंद ने इसका भी उपाय निकाल लिया है. चलिए बताते हैं आपको किसको मिलेगी सत्यानंद भोक्ता की विरासत.
बहु रेशमी को मिल सकता है टिकट
सत्यानंद भोक्ता ने अपने तीसरे बेटे की सगाई राजधानी स्थित Hotel Radision Blue में ही की. उन्होंने हाल ही में रेशमी से अपने बेटे की सगाई करवाई. रेशमी प्रशासनिक पदाधिकारी प्रकाश बैठा की बेटी हैं. रेशमी एससी वर्ग से भी आती हैं. ऐसे में माना यह जा रहा है कि सत्यानंद अपनी होने वाली बहू रेशमी को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप सकते हैं. अपनी बहू के जरिए सत्यानंद चतरा विधानसभा सीट पर अपनी पकड़ बनाए रख सकते हैं. हालांकि खबरें हैं कि शादी से पहले सत्यानंद भोक्ता बिहार जाकर लालू यादव से मुलाकात भी कर सकते हैं और इस विषय पर चर्चा भी हो सकती है. खैर, उनकी बहू को टिकट मिलता है या नहीं इसके लिए साल 2024 विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा.
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