दुमका(DUMKA):वर्षो से हम लोग पढ़ते और सुनते आ रहे है कि भोजन, वस्त्र और आवास मूलभूत आवश्यकता है. लेकिन समय के साथ इस भाग दौड़ भरी जीवन में तकनीक पर हमारी निर्भरता ने मोबाइल फ़ोन को भी इसी श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है.एक समय वो भी था जब मुहल्ले में किसी एक दो घरों में लैंड लाइन नम्बर हुआ करता था.समय के साथ हर घर लैंड लाइन लगते लगते हर हाथ मोबाइल फोन आ गया.आधुनिकता की इस दौड़ में मोबाइल के फीचर ने वैसे तो सबको प्रभावित किया लेकिन युवा पीढ़ी की दीवानगी कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है.महंगे और एंड्राइड फ़ोन और आई फ़ोन की चाहत युवाओं को ना केबल अपराध के दलदल में धकेल रहा है बल्कि चाहत पूरी नहीं होने पर युवा अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर रहा है.
दुमका के दुधानी मुहल्ला को है मामला
ऐसा ही हैरान करने वाला एक मामला दुमका के दुधानी मुहल्ला से सामने आया है.रविवार की रात अमन सिंह नाम युवक ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.दरअसल अमन अपने पिता से महंगे मोबाइल की मांग कर रहा था.इस बात को लेकर रविवार रात अमन का अपने परिवार वालों से विवाद भी हुआ था.आवेश में आकर अमन ने अपने कमरे में जाकर फांसी के फंदे पर झूल गया.परिवार वालों को शक होने पर दरवाजा तोड़कर अमन को लेकर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे जहां डॉ ने मृत घोषित कर दिया. सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लिया.
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौप दिया जाएगा
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आज की युवा पीढ़ी की सोच और चाहत क्या हो गयी है. अमन 2 भाई और एक बहन में सबसे बड़ा था.अमन के पिता एक वाहन के शोरूम में गार्ड के रूप में कार्य करते हुए किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रहे थे, इस उम्मीद में कि जब बड़े होकर दोनों बेटे बुढापा का सहारा बनेंगे. लेकिन ये क्या? सहारा बनने के बजाय अमन परिवार को बेसहारा छोड़ कर चला गया.उसने ऐसा जख्म दिया जिसकी टीस माता पिता के दिल में ताउम्र उठती रहेगी.काश! ऐसा कदम उठाने से पहले अमन एक बार सोचा होता कि जीवन मे महंगा फ़ोन ही सब कुछ नहीं। जीवन अनमोल है और जीवन रहा तो शौक तो पूरे होंगे ही.
रिपोर्ट-पंचम झा

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