Ranchi-आज सुबह से ही गांडेय विधान सभा उपचुनाव के लिए मतदाताओं की लम्बी कतार की तस्वीरें आ रही है. कई बुथों पर महिलाओं की उपस्थिति पुरुषों की तुलना में ज्यादा है. शायद यह तस्वीर कल्पना सोरेन को कुछ आश्वस्त भी कर रही होगी. यहां याद रहे कि इसी गांडेय उपचुनाव से कल्पना सोरेन की पॉलिटिकल इंट्री की शुरुआत होनी है. पति हेमंत की गैरमौजूदगी में कल्पना सोरेन खुद अपने लिए यहां एक बेहद आक्रमक प्रचार करती नजर आयी है, आज जबकि उस मेहनत का परिणाम सामने आने वाला है, कल्पना सोरेन एक बार फिर से भावुक होती नजर आ रही है. इस भावुकता की झलक उनके सोशल मीडिय पोस्ट से देखने को मिल रही है.

चारदीवारी में आप नहीं, मेरी आत्मा है

अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर आज सुबह-सुबह कल्पना सोरेन लिखती है कि “राजनीति, दल, सरकार सब आप की ज़िम्मेदारी रही. मैं घर, बच्चे, आदरणीय बाबा, मां और परिवार के देखभाल में खुश थी. ना मुझे कभी राजनीति में आने का शौक़ था, ना ही मैंने कभी सोचा था कि मुझे यह करना है, पर तानाशाहों ने 31 जनवरी को हमारी ज़िंदगी बदल दी. आपके साथ ही मेरी आत्मा को भी चारदीवारी में क़ैद कर लिया. आपने हमेशा झारखंड के लोगों को अपनी सबसे बड़ी ताक़त माना, अपनी सबसे बड़ी जिम्मेवारी माना. इस जिम्मेवारी को निभाने के क्रम में हमने आपको एक ओर गरीब-मजलूमों को झुककर गले लगाते देखा, तो दूसरी ओर तानाशाह के सामने सीना ताने खड़े भी देखा. चारदीवारी से बाहर निकल, आपके झारखंड परिवार से रूबरू होने के बाद ही मैं आपके इस जुनून के पीछे की शक्ति एवं संकल्प को सही से समझ पायी. तानाशाही-सामंती ताकतों के सामने खड़े आप सच्चे अर्थों में झारखंड के स्वभाव को प्रतिबिंबित करते हैं. एक ओर जहां आप झारखंड के करोड़ों लोगों की हिम्मत हैं वहीं मैं समझती हूं कि आपकी हिम्मत झारखंड के लोग ही हैं. जैसा स्नेह और आशीर्वाद अब तक मुझे राज्य के कोने-कोने में मिला है, वह आपके प्रति लोगों के प्यार के कारण ही हो सका है. मेरे साथ-साथ, झारखंड के लोगों ने ठाना है कि INDIA गठबंधन के उम्मीदवार सभी सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर सकें जिससे कि भविष्य में कोई तानाशाह षड्यंत्र रचने के पहले हजार बार सोचे. मेरे साथ-साथ, आपके करोड़ों समर्थक, आपका इंतजार कर रहे हैं. आज जब जनता से मुझे एक नई पारी की शुरुआत का आशीर्वाद मिल रहा है तो आपकी कमी सबसे ज़्यादा खल रही है. एक नई पारी के रूप में शुरुआत पर मैं इतना ही कह सकती हूं कि मैं आपके संघर्ष और अपने झारखंड परिवार के सुख-दुख में सदैव मजबूती से खड़ी रहूंगी.“

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