रांची (RANCHI) : 10 लाख में अब आपको सरकारी नौकरी मिल सकती हैं. यह दावा हमारा नहीं बल्कि जयराम महतो की पार्टी का है, जिन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग पर न सिर्फ इस तरह के संगीन इल्जाम लगाए हैं बल्कि राज्य में परीक्षाओं की आड़ में चल रहे गोरखधंधे को भी उजागर करने का काम किया है. असल में 11वीं से 13वीं JPSC परीक्षा संयुक्त तौर पर ली गई थी. परीक्षा बीते साल सितंबर में हुई और करीबन 11 महीने बाद ही सही पर परिणाम भी प्रकाशित हुए जिसमें करीबन साढ़े आठ सौ उमीदवार सफल भी हुए थे. उसके बाद करीबन इंटरव्यू की तारीख निकली गई. पर इस बीच कट ऑफ का मुद्दा खूब भड़का था.
JPSC ने परिणाम तो घोषित किये थे पर बिना कट ऑफ मार्क्स के ही इंटरव्यू की तारीख भी घोषित करदी गई थी और इंतज़ार था मेरिट लिस्ट का. इस मामले को लेकर जयराम की पार्टी JBKSS के उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने कितनी बार आवाज भी उठाई है. वहीं अब इस मामले एक बार और नया बवाल पनप रहा है जो JPSC की परीक्षा से ही जुड़ा है. छात्रों के मामले पर हमेशा से ही मुखर होकर बोलते आए डुमरी विधायक जयराम महतो और उनकी पार्टी JBKSS ARMY ने X एप पर एक पोस्ट किया जिसमें लिखा गया है, 'बिना #JPSC के सहयोग से ये हो नहीं सकती, कैसे इतनी संवेदनशील जानकारी लीक हो गई. मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को पूरे विवरण के साथ कॉल किया जा रहा है, लाखों मांगे जा रहे है. अब सिर्फ मेरिट लिस्ट बननी है ऐसे में कॉल आना काफी चिंताजनक है'.
इस पोस्ट के साथ एक अखबार की कटिंग भी पोस्ट की गई है जिसमें लिखा गया है, 'हैलो, आपका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है 10 लाख रुपये दीजिये, काम हो जाएगा'. इस खबर को लेकर जयराम की पार्टी लगातार आक्रामक हो गई है और यह दावा कर रही है की मेरिट लिस्ट आने से पहले कुछ सफल छात्रों को फोन कर झांसे में लिया जा रहा है. इस दौरान छात्रों को कॉल किया जा रहा है और यह कहा जा रहा है की आपका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है. पर अगर आपको सरकारी नौकरी चाहिए तो 10 लाख रुपये देकर आप यह नौकरी पा सकते हैं.
अब राज्य में सरकारी नौकरी की सेटों की खरीद बिक्री कोई नई बात नहीं है और इस बार तो आयोग भी बुरी तरह फ़ंसता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में जयराम महतो की पार्टी ने साफ तौर पर आयोग पर इल्जाम लगाया है कि आयोग की तरफ से ही इस तरह से सीटों की खरीद बिक्री शुरू की गई है और यह कारोबार करोड़ों का है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर इस बात में तनिक भी सच्चाई हुई तो राज्य में छात्रों का भविष्य सचमुच खतरे में है.
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