Ranchi: क्या जिस तीर से हेमंत सोरेन ने ईडी अधिकारियों की नींद उड़ाने की ठानी थी, वही तीर ही अब गले की हड्डी बन गयी? क्या जिस औजार के सहारे ईडी अधिकारियों के सामने मुसीबत खड़ी करने का प्लान तैयार किया गया था? अब वही औजार जी का जंजाल बन गया? दरअसल यह सवाल आज हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान खड़ा होता नजर आया. पूर्व सीएम हेमंत की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी के वकील ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि जब भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व सीएम हेमंत पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. मुख्यमंत्री आवास में पूछताछ की जानी थी, तो उस पूछताछ के पहले जांच अधिकारियों के खिलाफ एसटी-एसी थाने में मामला दर्ज करवा दिया गया. यह हमारी जांच को प्रभावित करने की एक सुनियोजित साजिश थी. और यदि एक बार जमानत प्रदान की जाती है, तो एक बार फिर से इसी प्रकार का कोई दूसरा खेल हो सकता है, जिससे ईडी की पूरी जांच प्रभावित हो सकती है.

चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग

यहां ध्यान रहे कि पूर्व सीएम हेमंत की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए जमानत की मांग की गयी है. आज उस मामले में सुनवाई हो रही थी, कल फिर से इस मामले में सुनवाई होनी है. आज की सुनवाई में हेमंत सोरेन की ओर से प्रख्यात अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. कोर्ट ने कल फिर से इस मामले में सुनवाई का आदेश दिया है. इस मामले में 17 मई को भी सुनवाई हुई थी. जिसके बाद ईडी की ओर से पक्ष रखने के लिए समय की मांग की गयी थी. 20 मई को ईडी ने अपना पक्ष रखा और आज उस पर सुनवाई हुई. ईडी की ओर से दावा किया गया है कि  हेमंत को जमानत प्रदान करने से मामले की जांच पर असर पड़ सकता है. दूसरी ओर कपील सिब्बल की दलील दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह हेमंत सोरेन को भी जमानत प्रदान करने की है.

अरविन्द केजरीवाल के जमानत को बनाया गया आधार

यहां बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद रहने के बावजूद अरविन्द  केजरीवाल को चुनाव प्रचार में भाग लेने की जमानत प्रदान किया गया है, कपील सिब्बल अब इसी  आधार पर हेमंत सोरेन के लिए भी जमानत की मांग कर रहे हैं, ताकि वह भी अपने प्रत्याशियों के लिए जनता से वोट देने की अपील कर सकें. कल की सुनवाई में इसी बात का फैसला होना है, यदि हेमंत सोरेन को कल जमानत मिल जाती है तो वह बाकि के दो चरणोँ में प्रचार करते नजर आयेंगे, उनके सामने आने से इंडिया गठबंधन को झारखंड में एक बुस्ट अप मिल सकता है, खास कर रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे इंडिया गठबंधन की कमजोर मानी जाने वाली सीटों पर पूर्व सीएम हेमंत की इंट्री से पासा बदल सकता है.

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