पटना (PATNA) : देश में भारत और इंडिया नाम को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है. पख और विपक्ष एक दूसरे पर लगातार पलटवार है. वहीं बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. विशेष सत्र को लेकर अखिलेश प्रसाद ने सवाल उठाते हुए कहा कि सत्र में हम लोग हमेशा सकारात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करते आ रहे हैं लेकिन मालूम तो हो क्या है. ऐसा क्या हो गया कि सत्र बुलाने की जरूरत पड़ गई.

भारत और इंडिया में कोई फर्क है - प्रदेश अध्यक्ष

3 सप्ताह पहले ही सत्र खत्म हुआ है, वही सीएम नीतीश के G20 की बैठक में शामिल होने को लेकर अखिलेश सिंह ने कहा यह सवाल का जवाब मुख्यमंत्री दे सकते हैं. अखिलेश सिंह ने कहा भारत और इंडिया में कोई फर्क है ही नहीं. इंडिया से परेशान इसलिए हैं की जो 28 दलों का गठबंधन बना है वह 60% इंडियन पॉपुलेशन को रिप्रेजेंट करती है और जब 60% लोग एक तरफ हो जाए तो सब लोग यह बात समझते हैं कि 2024 के चुनाव में क्या होने वाला है.

बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू- प्रदेश अध्यक्ष

वहीं लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर जब अखिलेश प्रसाद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा आप लोग भी रिलाइज करते होंगे की कांग्रेस पहले से मजबूत हुई है हम लोगों के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी का नेतृत्व का असर पहले से ज्यादा हुआ है देश में इंडिया गठबंधन बनने के बाद सपा उत्तर प्रदेश में चुनाव जीत गया तो उल्टी गिनती तो शुरू हो गई बीजेपी की, बिहार भी देश में है और उत्तर प्रदेश भी देश में है.

हैसियत तो कांग्रेस की सबसे बड़ी है- प्रदेश अध्यक्ष

अखिलेश सिंह ने कहा टिकट बंटवारे के लिए मुंबई में एक कमेटी बनी है और उत्तर कमेटी के माध्यम से ही मिलेगा लेकिन हमें ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी जितनी सीटों पर लड़ी थी उतनी सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जरूर लड़ना चाहिए, अखिलेश सिंह ने कहा हैसियत तो कांग्रेस की सबसे बड़ी है. इस बात को सब लोग जानते हैं, लोकसभा में किसका सीट है इकलौता मेरा ही सीट है.

विपक्ष में एक मेरा ही सीट जीता हुआ है- प्रदेश अध्यक्ष

लोकसभा में विपक्ष में एक मेरा ही सीट जीता हुआ है बाकी आप लोग लड़ाई लगवाते रहिए. मेरे रहते कांग्रेस का अगर उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा तो किसके रहते मिलेगा. वही जगदानंद सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश सिंह ने कहा उनसे पूछिए कोई ऐसा स्वतंत्रता सेनानी तो थे नहीं, स्वतंत्रता आंदोलन का लड़ाई वह भी नहीं लड़े थे, छोड़िए इस सब बात का कोई मतलब नहीं.