गिरीडीह (GIRIDIH): डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो ने झारखंड आंदोलनकारियों के योगदान को याद करते हुए बड़ा राजनीतिक बयान दिया है. विधायक ने कहा कि यदि झारखंड अलग राज्य नहीं बना होता, तो हेमंत सोरेन आज मुख्यमंत्री नहीं होते. उन्होंने दावा किया कि झारखंड आंदोलनकारियों के बलिदान और संघर्ष के कारण ही झारखंड राज्य अस्तित्व में आया और आज यहां की राजनीति नई दिशा में आगे बढ़ रही है.
विधायक जयराम महतो डुमरी प्रखंड के अंचल कार्यालय में झारखंड आंदोलनकारियों के सम्मान कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “अगर झारखंड अलग नहीं होता तो हेमंत सोरेन बिहार विधानसभा के किसी कोने में बैठे होते, या किसी गठबंधन में शामिल होकर मंत्री बन जाते. आज अगर वे मुख्यमंत्री हैं तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ झारखंड आंदोलनकारियों को जाता है.”
उन्होंने आगे कहा कि आंदोलनकारियों के बलिदान की बदौलत ही आज झारखंड के युवक-युवतियां BDO, CO, SDO समेत विभिन्न सरकारी पदों पर पहुंचकर राज्य की सेवा कर रहे हैं. पहले बाहरी अधिकारी झारखंड के जिलों में नियुक्त होते थे, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है.
विधायक ने दावा किया, “झारखंड विधानसभा में आंदोलनकारियों की आवाज मजबूती से उठाने वाला अगर कोई है, तो वह मैं हूं. झारखंड सरकार को हिलाने की ताकत किसी में नहीं, सिवाय जयराम महतो के.”
उन्होंने कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र में वह आंदोलनकारियों के लिए उचित पेंशन, उनके बच्चों के लिए 5% आरक्षण और राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में उनका फ्री इलाज कराने की मांग मजबूती से रखेंगे.
कार्यक्रम में कई आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान अजीत कुमार, सतीश साहू, लालमणि साव, डूमचंद महतो, डेगनारायण महतो, प्रशांत जायसवाल, महावीर महतो, दुलारचंद महतो, धनेश्वर विद्यार्थी, लखन ठाकुर, हरिचरण महतो, निर्मल महतो, ताराचंद महतो समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
डुमरी अंचल अधिकारी शशि भूषण वर्मा, प्रमुख उषा देवी तथा अन्य अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे.
रिपोर्ट : दिनेश कुमार रजक

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