जमुई(JAMUI): जमुई जिले के सोनो स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में रहकर पढ़ने वाली 55 छात्राएं रविवार की सुबह अचानक वार्डन को बिना बताये गेट खोलकर छात्रावास से अपने घर चली गई. सुबह तीन बजे के करीब जब वार्डन की नींद खुली तो छात्रावास में एक भी बच्ची मौजूद नहीं थी, और छात्रावास का गेट खुला था. सुरक्षा गार्ड भी अपने कमरे में सो रहा था.जिसके बाद छात्रावास में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई.
कस्तूरबा विद्यालय का बड़ा झोल आया सामने
हालांकि खोजबीन कर तीन बच्चियों को सोनो चौक से वापस छात्रावास लाया गया. सुबह दस बजे तक दो बच्ची चकाई से वापस लाई गई. रविवार शाम तक एक दर्जन बच्चियों को वापस बुलाया गया. शेष बच्चियां अभी भी छात्रावास नहीं पहुंची थी. छात्रावास लौटने वाली छात्राएं अम्बाटांड़ चकाई की सोनाली कुमारी, खुशबू कुमारी, बरमोरिया की सलोनी किस्कू, धावाटांड़ की रिंकू मुर्मू, पोंझा चकाई की प्रमिता हेम्ब्रम शामिल हैं.
बिना बताये आधी रात हॉस्टल से भागी 55 छात्राएं
वहीं इनसे अचानक हॉस्टल से भागने की वजह पूछी गई, तो इन्होने बताया कि शनिवार के दोपहर को ही उन लोगों को खाना मिला था, रात में खाना नहीं मिला. ऐसा उनलोगों के साथ बार-बार होता है. इसलिए सभी बिना बताए एकसाथ छात्रावास से निकले और अपने-अपने घर चले गए. इन छात्राओं ने विद्यालय प्रबंधन और रसोईया पर खाना बनाने में सहयोग करने का दबाव डालने का भी आरोप लगाया है. और कहा कि जब तक हम लोग खाना बनाने में सहयोग नहीं करते हैं, तब तक खाना नहीं बनता है और हम लोगों को खाना नहीं मिलता है.
छात्राओं ने विद्यालय संचालक पर लगाया आवेदन फार्म में नाजायज वसूली का आरोप
वहीं छात्राओं ने छात्रावास के संचालक सह प्लस टू राज्य संपोषित उच्च विद्यालय सोनो के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रशांत कुमार पर इंटरमीडिएट परीक्षा फार्म भरने के नाम पर नाजायज वसूली का आरोप लगाया है. छात्राओं का कहना है कि छात्रावास की सभी छात्राओं से प्रति छात्रा 2200 रुपये परीक्षा फार्म के नाम पर प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रशांत कुमार ने वसूला है, और रसीद भी नहीं दिया गया. इतना ही नहीं रसीद के बारे में पूछने पर उन्हें डांट दिया जाता है. बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एससी,एसटी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की छात्र-छात्राओं के इंटरमीडिएट आवेदन फार्म भरने के लिए 1170 रुपए और अन्य कोटि के छात्र छात्राओं के लिए 1430 रुपए राशि निर्धारित किया है. 12वीं वर्ग का शिक्षण शुल्क एससी-एसटी के कला संकाय के लिए 470 रुपए और विज्ञान संकाय के लिए 670 रुपए निर्धारित है. छात्रावास में सभी एससी एसटी कोटि की छात्राएं हैं, जिनसे प्रति छात्रा 2200 रुपये वसूला गया है. जबकि ये राशि महज 1640 रुपये ही लिया जाना था. ऐसे में प्रति छात्र से 560 रुपये की नाजायज वसूली की गई है.
जानें मामले पर विद्यालय के प्रभारी वार्डन ने क्या कहा
कस्तूरबा विद्यालय के प्रभारी वार्डन गुड्डी कुमारी ने बताया कि जब वो सुबह तीन बजे उठी तो देखा कि सभी छात्राएं छात्रावास से गायब थी. उसी समय संचालक और अकाउंटेंट को फोन किया गया, लगातार संचालक से बात करने का प्रयास की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया प्रभारी वार्डन ने बताया कि वह दस दिन पहले ही आई है, छात्रावास में साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है, शौचालय का फर्श टूटा है, छत से पानी का रिसाव होता है.
एकाउंटेंट ब्रजेश कुमार ने किया बड़ा खुलासा
हस्ताक्षर एकाउंटेंट ब्रजेश कुमार ने बताया कि विगत तीन माह से दुकानदारों का बकाया भुगतान नहीं किया गया है. दुकानदार उनसे बकाया राशि मांगते हैं, दुकानदार ने भी अब सामान देने से मना कर दिया है. विद्यालय के खाते में राशि पड़ी है,लेकिन संचालक हस्ताक्षर ही नहीं करते हैं, खाते का संचालन वार्डन और संचालक के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है. वार्डन का एडवाइस पर हस्ताक्षर किया हुआ है. शनिवार को भी संचालक से हस्ताक्षर के लिए आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर नहीं कियाइस संबंध में कस्तूरबा विद्यालय संचालक प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जानकारी मिली थी कि खाना में शिकायत की बात सामने आ रही है, सभी छात्राएं अपने घर चली गई, उन्हें वापस लाया जा रहा है, व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जाएगा,आवेदन फार्म में नाजायज वसूली की बात गलत है.

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