पटना (PATNA) : 27 सालों का इंतजार खत्म हुआ. महिला आरक्षण बिल को आखिरकार मंजूरी मिल गई है. अब बिल पास होने के बाद हर तरफ इसे लेकर जश्न मनाया जा रहा है. महिलायें इस बिल के पास होने के बाद काफी खुश है. इसको लेकर बिहार भाजपा कार्यालय के बाहर महिला मोर्चा के द्वारा जमकर जश्न मनाया गया. ढोल नगाड़े के साथ महिलायें झूमती नजर आई. ये नजारा किसी होली दीपावली से काम नहीं था.
पटाखों और अबीर से सजा माहौल
इस दौरान महिलाएं रंगोली बनाते नजर आई. इसके साथ ही ढोल नगाड़े के साथ सभी झूमती दिखीं. सभी मोदी के जयकार लगा रही थी. वही महिला मोर्चा जिंदाबाद से पूरा परिसर झूम उठा. जश्न ऐसा की दिवाली की तरह पटाखे जलाए जा रहे थे अनार से लेकर सभी तरह के पटाखों की आतिशबाजी की जा रही थी. वहीं महिलाएं एक दूसरे को अबीर लगाते हुए खुशियां मना रही है. इसके साथ ही मिठाइयां बांटी जा रही थी. सभी इस खुशी भरे माहौल में एक दूसरे का मुंह मीठा करते दिखी.
राबड़ी देवी ने किया ट्वीट
एक तरफ जहां इस आरक्षण के पास होने को लेकर जश्न मनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी काफी तेज हो गई है. राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है जिसपर जुबानीजंग छिड़ गई है. राबड़ी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो. मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है.
सवाल से बचते दिखे राजद नेता
राबडी देवी के इस ट्वीट के बाद जब राजद विधायक मंत्री रामानंद यादव से लेकर पत्रकारों ने महिला आरक्षण बिल पर सवाल किया तो उन्होंने कहा इस पर हम कुछ नहीं बोल सकते हैं. पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता ही इस पर अपनी राय दे सकते हैं. जनप्रतिनिधि हैं इसमें आपकी क्या राय हो सकती है इस सवाल पर रामानंद यादव बचते नजर आए.
जानिए क्या है ये बिल?
इस बिल के पास होने के 15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण समाप्त हो जाएगा. वहीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी. अभी फिलहाल मात्र 82 महिला संसद है. दरअसल महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी. जिसके तहत एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव दिया गया है.

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