टीएनपी डेस्क: जयपुर के रहने वाले शरद शर्मा को एक पुलिस ऑफिसर का कॉल आया. पुलिस ने शरद को कॉल पर कहा कि उसके बेटे को अरेस्ट कर लिया गया है. साथ ही उसके तीन दोस्तों को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ़्तारी के कागज बन रहे हैं ऐसे में अगर वह अपने बेटे का भविष्य बचाना चाहता है तो बड़े साहब से बात करनी होगी. ऐसे में शरद ने जवाब देते हुए बोला कि, मेरे 16 बेटे हैं, आपने कौन से वाले को अरेस्ट किया है. इतना सुनते ही जालसाज ने फोन काट दिया. जी हां, जालसाज. आपको इस बात की खबर तो होगी ही कि देश में अभी फ्रॉड और स्कैम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा स्कैमर लोगों को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर ठग रहे हैं. अक्सर पुलिस या कोई भी अधिकारी बन लोगों को डरा-धमका कर घंटों वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए एंठ रहे हैं.
जहां तक जयपुर के शरद शर्मा की बात थी तो वे इस बात से भली-भांति परिचित थे कि इस वक्त लोगों को ठगने का नया चलन चल रहा है. ऐसे में उन्होंने वक्त रहते बुद्धि से काम किया और इस फर्जी कॉल को अटपटा जवाब देकर खुद को बचा लिया. लेकिन सिर्फ शरद शर्मा ही नहीं बल्कि आप भी इस तरह के स्कैम से बच सकते हैं. आपको बस कुछ बातों की जानकारी रखनी है और इससे सावधान रहना है. आज हम आपको बताएंगे इस तरह के स्कैम को पहचानने और इससे बचने के उपाय.
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) स्कैम क्या है
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) एक तरह का स्कैम है. जिसमें साइबर अपराधी अपने टारगेट को कॉल कर उसे डराने की कोशिश करते हैं. साइबर अपराधी नकली पुलिस ऑफिसर या फिर कोई भी बड़ा अधिकारी बन लोगों को कॉल करते हैं. कॉल कर साइबर अपराधी अपने टारगेट को कहते हैं कि वे किसी भी गैर-कानूनी मामले में शामिल है और उन पर केस दर्ज हुआ है. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने की बात कह डराते हैं और फिर जब उन्हें लगता है कि उनका टारगेट डर गया है तो फिर वे उनसे पैसे की मांग करते हैं. इस दौरान अपराधी अपने टारगेट से बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड या फिर कोई भी जरूरी डॉक्यूमेंट्स मांगते हैं और जांच के नाम पर पैसे भेजने को कहते हैं.
कैसे करें स्कैम की पहचान
- सबसे पहले तो ये बात जान लें कि कोई भी अधिकारी या पुलिस आपको कॉल कर ये नहीं बताएगा कि आपको गिरफ्तार किया जाने वाला है या फिर आपके खिलाफ कोई मामला दर्ज है.
- पुलिस अधिकारी कभी भी आपसे कॉल पर प्रूफ नहीं मांगेंगे. न ही आपसे पैसे ट्रांसफर करने को कहेंगे.
- पुलिस अधिकारी या कोई भी अन्य अधिकारी आप पर पैसे भेजने के लिए दबाव नहीं बना सकते. यदि कॉल पर पुलिस आपसे तुरंत जुर्माना भरने या फिर जांच के नाम पर पैसे भेजने और जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे आधार कार्ड की जानकारी मांगे तो समझ जाएं की यह स्कैम है.
- अगर कॉल पर कोई खुद को पुलिस बता रहा है और वह आपको डराने की कोशिश कर रहा है तो सतर्क रहें.
- इस तरह के स्कैम कॉल अक्सर अनजान या निजी नंबरों से ही आते हैं. ऐसे में नंबर चेक कर ही कॉल उठायें.
स्कैम से बचने के उपाय
- इस तरह के कॉल आने पर कोई भी जानकारी शेयर न करें. अगर आपको पैसों के लिए दबाव बनाया जाता है तो तुरंत पुलिस स्टेशन जाएं. किसी भी हाल में सामने वाले की बात पर न आएं.
- अक्सर सोशल मीडिया पर कई तरह के ऑफर्स और डिस्काउंट वाले विज्ञापन और नौकरी के लिए पोस्ट शेयर किए जाते हैं. ऐसे पोस्ट पर क्लिक करने से बचें. क्योंकि, इस तरह के पोस्ट स्कैम भी हो सकते हैं. जांच पड़ताल के बाद ही इस तरह के पोस्ट पर क्लिक करें.
- कभी भी मैसेज या ई-मेल में आए अनजान लिंक पर क्लिक न करें. न ही कॉल पर किसी के साथ भी अपनी बैंक डिटेल्स और अन्य जरूरी डिटेल्स शेयर करें.
- अगर आपको किसी भी तरह का स्कैम कॉल आए तो तुरंत अपने नजदीकी साइबर क्राइम विभाग में जाकर शिकायत दर्ज कराएं. आप ऑनलाइन साइबर क्राइम के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
- किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर जानकारी शेयर करने से पहले उसके आधिकारिक स्रोत की जांच कर लें. हमेशा आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें.
- ध्यान रखे कि, लोगों में डर और भ्रम फैलाकर उन्हें ठगने का एक तरीका है डिजिटल अरेस्ट स्कैम. अगर आप सावधानी, सतर्कता और सही जानकारी रखेंगे तो आप आसानी से ऐसे स्कैम से बच सकते हैं.
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