टीएनपी डेस्क: ‘हैलो! मैं टेलिकॉम रेगुलेरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बोल रहा हूं... क्या आप विक्रम है. आपके नाम से जारी सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मामले में मुंबई कोलाबा साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अचानक से एक दिन TRAI का कॉल आता है और कहा जाता है कि आपके नाम पर जारी सिम कार्ड से लोगों को धमकी दी जा रही है. इस मामले में मुंबई की साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारी आपसे पूछताछ करेंगे. ठीक थोड़े देर बाद मुंबई की साइबर पुलिस स्टेशन से सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कॉल भी आता है. लेकिन पुलिस इंजीनियर को कहती है कि उसके नाम पर जारी सिम कार्ड के साथ-साथ उसके आधार कार्ड का भी गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. उसके आधार के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक में खाते भी खुलवाए गए हैं. ऐसे में उसे कार्रवाई में पुलिस की मदद करनी होगी वरना उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है. जिसके बाद मामले में कार्रवाई के नाम पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करोड़ों रुपये वसूल लिए गए.

 स्काइप एप्प डाउनलोड करा कि डिजिटल अरेस्ट 

दरअसल, बेंगलुरू के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को पहले 11 नवंबर को टेलिकॉम रेगुलेरिटी ऑफ इंडिया अधिकारी व साइबर पुलिस बन साइबर ठगों ने ही कॉल किया था. जिसके बाद इंजीनियर को फर्जी मामलों में डराया गया और कहा कि आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए उसे वापस से कॉल किया जाएगा. अगर पुलिस की मदद नहीं की तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा. जिसके बाद एक बार फिर 25 नवंबर को ठगों ने इंजीनियर को कॉल किया. पुलिस बने ठग ने इंजीनियर से स्काइप एप्प डाउनलोड करवाया और फिर स्काइप वीडियो कॉल कर उससे कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के खिलाफ संज्ञान लिया गया है. ठगों ने इंजीनियर से कहा कि उसके आधार कार्ड के जरिए बैंक में खुले खाते में 6 करोड़ रुपये हैं. इसलिए अब आरबीआई के आदेश के अनुसार तुम्हारे बैंक अकाउंट की जांच-पड़ताल की जाएगी.

जांच के नाम पर मांगे पैसे

जांच के नाम पर फिर ठगों ने इंजीनियर से पहले 75 लाख रुपये और फिर दूसरी बार में 3.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर कराए. ऐसे में 25 नवंबर से लेकर 12 दिसंबर तक इंजीनियर से ठगों ने 11.8 करोड़ ठग लिए. हालांकि, जब साइबर ठगों ने इंजीनियर से और पैसे मांगे तब जाकर उसे अपने साथ ठगी का अहसास हुआ. इंजीनियर ने फिर इस मामले के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई.