दुमका (DUMKA) : सूर्य नारायण हांसदा उर्फ सूर्या हांसदा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. लेकिन इस एनकाउंटर पर अब सवाल उठने शुरू हो गए है. झारखंड के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों (बाबूलाल मरांडी, अर्जूम मुंडा और चंपाई सोरेन) समेत विधायकों ने भी पुलिस के इस एनकाउंटर पर सवाल उठाये हैं. मुठभेड़ पर सवाल उठने के बाद अब इस मामले की जांच सीआईडी करेगी. राज्य सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. गोड्डा पुलिस ने प्रारंभिक रिपोर्ट सीआईडी मुख्यालय को भेज दी है. सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के बारे में गोड्डा एसपी ने बताया था कि घटना से पहले सूर्या को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस उसे हथियार बरामद करने के लिए रहबरदिया पहाड़ी ले जा रही थी. इसी दौरान सूर्या ने पुलिस से इंसास राइफल छीन ली और भागने लगा. उसने पुलिस पर फायरिंग भी की. जवाबी फायरिंग में सूर्या हांसदा मारा गया. वहीं इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा “यह एनकाउंटर नहीं हत्या है”.

दो दशकों तक अपराध की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम

गोड्डा ही नहीं, संथाल परगना प्रमंडल के अन्य ज़िलों में भी सूर्या लगभग दो दशकों तक अपराध की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम रहा. सूर्या के खौफ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2008 के आसपास, जब सूर्या के घर की ज़ब्ती हुई थी, तब तत्कालीन एसपी राकेश बंसल ने लगभग एक दर्जन थानों की पुलिस भेजी थी. वर्तमान एसपी मुकेश कुमार भी कह रहे हैं कि सूर्या ने साहिबगंज के डीएसपी पर हमला करवाया था.

अपराध के ज़रिए राजनीति में अपनी किस्मत चमकाने की कोशिश कर रहा था सूर्या

भारत में राजनीति का अपराधीकरण दशकों पहले हो चुका है. ऐसे अनगिनत नाम हैं जो आज लोक सेवक हैं. जब हम उनके इतिहास को खंगालेंगे, तो हमें एक ऐसा दौर मिलेगा जब लोग आज के लोक सेवक के नाम से भी डरते थे. अपराध की दुनिया में नाम कमा चुके सूर्या हांसदा की माँ ज़िला परिषद की सदस्य चुनी गईं. अपनी माँ की जीत ने सूर्या की महत्वाकांक्षाओं को और बढ़ा दिया. वह विधायक बनने का सपना देखने लगे.

बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ चुका था सूर्या

धीरे-धीरे वे तत्कालीन झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के संपर्क में आए. उन्होंने 2009 और 2014 का चुनाव बोरियो विधानसभा क्षेत्र से झाविमो के टिकट पर लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. 2019 के चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने उन्हें बोरियो विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया, लेकिन सूर्या की किस्मत ने उन्हें धोखा दे दिया. 2024 के चुनाव में जब भाजपा ने लेविन हेम्ब्रम को अपना उम्मीदवार बनाया, तो सूर्या जयराम के पास चले गए और झालानायक जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे. इस तरह उन्होंने चार बार विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

सूर्या पर दो दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज

पुलिस की मानें तो सूर्या गोड्डा के ललमटिया, बोआरीजोर और साहिबगंज के मिर्जा चौकी समेत अन्य थाना क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा. उसके खिलाफ दो दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज थे. उसने एक संगठित गिरोह बना रखा था. सूर्या के गुर्गे किसी भी इशारे पर किसी भी घटना को अंजाम दे सकते थे. पुलिस सूर्या की गिरफ्तारी के लिए हर संभव कोशिश में जुट गई. इसी बीच, रविवार को पुलिस ने उसे देवघर के मोहनपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी के बाद से ही चिंतित था परिवार

परिवार ने गिरफ्तारी के बाद किसी अनहोनी की आशंका जताई थी. इसी बीच, सोमवार सुबह खबर आई कि सूर्या मुठभेड़ में मारा गया. सोमवार को काफी हंगामे के बाद, शाम को गोड्डा के एसपी मुकेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सूर्या हांसदा के एनकाउंटर की पूरी कहानी मीडिया के सामने रखी, लेकिन एसपी के बयान में कई ऐसे बिंदु हैं जिन पर सवाल उठ रहे हैं.