दुमका ( DUMKA) - चले थे समाज सुधार करने लेकिन हो गए खाप पंचायत के शिकार. यह वाकया है दुमका जिला के मुफस्सिल थाना के चिरूडीह गांव का. वर्ष 2012 में बशारद अंसारी ने दिल्ली में रहते चाइल्ड लाइन की मदद से अपनी नाबालिग भतीजी की शादी को रुकवाया था. अब जब बशारद दिल्ली छोड़ गांव में रहने आए तो पंचों ने ना केवल इन्हें घर से बेघर कर दिया बल्कि समाज से भी बहिष्कृत कर दिया.
चाइल्ड लाइन की मदद रूकवा रहे थे नाबालिग की शादी
हाथों में फाइल लेकर न्याय की आस में दुमका समाहरणालय परिसर का चक्कर लगाते यह है बशारद अंसारी. बशारद मुफस्सिल थाना के चिरुडीह गांव का रहने वाला है. वर्ष 2012 में दिल्ली में रहते बाल विवाह के खिलाफ इन्होंने अपनी मुहिम की शुरुआत अपने परिवार से ही की थी. जब उन्हें पता चला कि नाबालिग भतीजी की शादी होने वाली है तो इन्होंने चाइल्ड लाइन की मदद से उस शादी को रोकना था. घर पहुंचकर परिजनों को भी समझाया. लेकिन परिजन पर इसका कोई असर नहीं हुआ और बाद में नाबालिग भतीजी की शादी भी हो गई. इस घटना को लेकर इन्हें हमेशा अपने बड़े भाई से तकरार होती रही. बशारद दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी के सहारे अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, लेकिन छह महीना पूर्व इन्होंने दिल्ली छोड़कर गांव में रहने का फैसला लिया. साजो सामान के साथ घर तो पहुंचे, लेकिन अब इनके बड़े भाई इन्हें घर में रहने देना नहीं चाहते. 1 सप्ताह पूर्व जबरन घर से इनका सारा सामान उठाकर बाहर फेंक दिया.
माफी मांगने के बावजूद मिली सजा
बात यहीं समाप्त नहीं हुई बशारद के समाज सुधार के प्रयास से पूरा समाज इनका दुश्मन बन बैठा। गांव में पंचायतें लगी। पंचों के बीच भारी मन से इन्होंने उस घटना के लिए माफी भी मांगी लेकिन पंचायत ने इन्हें समाज से बहिष्कृत करने का फैसला सुना दिया। मां पिता बशारद के पक्ष में रहने के कारण बड़े भाई ने मां पिता को भी घर से बेघर कर दिया। नतीजा बशारद मां पिता के साथ फिलहाल अपनी बहन के घर में शरण लिए हुए हैं। इस बीच वह मुफस्सिल थाना में आवेदन दिया लेकिन पुलिस के स्तर से कोई कार्यवाही नहीं हुई। शुक्रवार को इसने डीसी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाया,सोमवार को एसपी को भी आवेदन दिया लेकिन कहीं से मदद नहीं मिल रहा है.
डीसी का भरोसा, पुलिस मौन
इस बाबत पूछे जाने पर डीसी रविशंकर शुक्ला ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर भी SP कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं.
न्याय की आस में बशारद आज थाना से लेकर एसपी और डीसी कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। एक तरफ डीसी जहां जांच की बात कह रहे हैं वहीं एसपी ऐसे गंभीर मुद्दे पर भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. इस स्थिति मेंअगर बशारद के साथ कुछ अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा .
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