खूंटी (KHUNTI) : सामाजिक व्यवस्थाओं पर सवाल खाद्य करने वाला यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है, जहां एक 14 साल की लड़की ने बेटी को जन्म दिया है. लड़की की शादी नहीं हुई है और लड़की अपने 16 वर्षीय प्रेमी के साथ रहती थी. एक दिन अचानक लड़की पेट में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची तो उसे पता चल की वह साह माह की गर्भवती है. मामला लिव-इन-रिलेशनशिप या आम भाषा में कहे तो ढुकु प्रथा का है.

अब हमारे देश में लिव-इन-रिलेशनशिप पर लोगोंं की मिली जुली राये देखने को मिलती है. मेट्रो पॉलिटन शहरों में लिव-इन का चलन काफी आम है और अब तो कानूनी रूप से यह अपराध भी नहीं है, लेकिन समाज का एक बड़ा वर्ग आज भी इसे सहजता से स्वीकार नहीं करता. हालांकि इन मिली जुली सोच के बीच रोचक बात यह है कि भारत के आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में सदियों पहले से ही एक ऐसी परंपरा चली आ रही है, जिसे आज की भाषा में लिव-इन जैसा ही माना जा सकता है.

क्या है ढुकु प्रथा : 
आदिवासी समाज में यदि कोई युवक-युवती एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं, और किसी कारणवश उनके परिवार विवाह के लिए तैयार नहीं होते, तो युवक युवती को अपने घर ले आता है. इसके बाद दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगते हैं, जबकि उनके बीच औपचारिक विवाह संस्कार नहीं होते. इसे ही ढुकु विवाह कहा जाता है. इस प्रथा में उम्र का कोई बंधन नहीं होता. जैसे ही युवक-युवती अपनी इच्छा से साथ रहना चाहते हैं, वे बिना सामाजिक रीति-रिवाजों के एक ही घर में रहने लगते हैं. हालांकि, बाद में ऐसे जोड़ों को सामाजिक मान्यता तभी मिलती है, जब ग्राम प्रधान या सामाजिक अगुवा की पहल पर पारंपरिक विधि-विधान से विवाह करवा दिया जाता है. यह प्रथा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है. 

खूंटी जिले से जुड़ा एक मामला इस प्रथा को फिर चर्चा में ले आया. सदर अस्पताल में 14 वर्षीय एक लड़की पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी. जांच में पता चला कि वह सात माह की गर्भवती है. जानकारी से स्पष्ट हुआ कि वह ढुकु प्रथा के तहत 16 वर्षीय युवक के साथ रह रही थी. परिजन ने भी इस संबंध को स्वीकार कर लिया था. बाद में नाबालिग लड़की ने अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया. मां और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं.