रांची (RANCHI) : सदर अस्पताल में मरीजों के लिए सेवा और सुविधाएं लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले कई दिनों से अस्पताल के सर्जन डॉ अजित के  द्वारा सर्जरियां की जा रही है. सोमवार को सदर अस्पताल में पहली बार लेफ्ट साइड गोल ब्लाडर स्टोन की सर्जरी की गई. यह पूर्ण साइटस इनवर्सस का मामला था, जिसमें अंग (हृदय, पित्ताशय, आदि) अपनी सामान्य स्थिति में न होकर विपरीत दिशा में पाया जाता है. यह स्थिति 10,000 से 20,000 रोगियों में से एक में होती है. सदर अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के डॉ. अजीत के नेतृत्व में, सदर अस्पताल ने आज एक और उपलब्धि हासिल की.

मरीज बी. बारा, रांची के बेड़ो थाना अंतर्गत इंटा चिंदारी की निवासी हैं. वह वर्तमान में मोरहाबादी में रहती हैं. उन्हें पिछले दो-तीन महीनों से पेट में दर्द हो रहा था. जाँच करने पर, उन्हें एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस नामक एक गंभीर बीमारी का पता चला. आगे की जांच में पता चला कि उनके पित्ताशय में कई पथरी हैं, और उनका पित्ताशय बाईं ओर था, जबकि सामान्यतः यह दाईं ओर होता है.

ईसीएचओ और सीटी स्कैन के बाद, पता चला कि उनका हृदय पूरी तरह से उलटा हो गया था, यानी उनका हृदय बाईं ओर की बजाय दाईं ओर स्थित था. अन्य अंग भी अपनी सामान्य स्थिति के विपरीत दिशा में स्थित थे. यह ऑपरेशन थोड़ा कठिन और अनोखा था. क्योंकि ऐसे रोगी दुर्लभ होते हैं, और सर्जन को विपरीत दिशा से ऑपरेशन करना पड़ता है, जिससे वह आमतौर पर कम परिचित होते हैं.

रोगी के पति, जोसेफ उरांव, जो खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, ने सदर अस्पताल प्रशासन और सर्जरी विभाग में डॉ. अजीत की टीम के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया. आयुष्मान भारत योजना के तहत उनका इलाज पूरी तरह से निःशुल्क था. ऑपरेटिंग टीम में एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अजीत कुमार, एनेस्थेटिस्ट डॉ. वसुधा गुप्ता और डॉ. विकास बल्लभ, सिस्टर स्नेह लता, ओटी स्टाफ संदीप, संतोष, सृष्टि, सुरेश, अमन, विरंजन कल्पना, नंदिनी आदि शामिल थे.