रांची(RANCHI): झारखण्ड में कुड़मी के खिलाफ आदिवासी गोलबंद होने लगे हैं. अब रांची के मोरहाबादी मैदान में 12 अक्टूबर को आदिवासियों का जुटान होगा. इसे लेकर आदिवासी संगठन के लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है. सीरम टोली सरना स्थल पर प्रेस वार्ता कर आदिवासी नेताओं ने अपनी रणनीति और कार्यक्रम की जानकारी दी है. बता दें कि कुड़मी खुद को ST में शामिल होने को लेकर आंदोलन कर रहे है. जिसका अब विरोध खुल कर होने लगा है.

आदिवासी नेता अजय तिर्की ने प्रेस वार्ता में कहा कि झारखण्ड में आदिवासी कुड़मी एक साथ रहते है, लेकिन इसे कुछ नेता अलग मोड़ देने में लगे है. कुड़की ST में शामिल होंगे तो इससे आदिवासी का हक़ और अधिकार खत्म हो जायेगा. इस मांग के खिलाफ केंद्र सरकार से आदिवासी गुहार लगा रह है कि किसी भी कीमत पर इस मांग पर कोई निर्णय ना लिया जाए. उन्होंने कहा कि झारखण्ड आदिवासियों का राज्य है. सभी मिल कर रहते है, लेकिन इस तरह से रेल रोक कर कोई खुद को आदिवासी कैसे बन लेगा.

वहीं गलेकशन डुंगडुंग ने कहा कि झारखण्ड में आदिवासी कोई और नहीं बन सकता है. खुद विनोद बिहारी महतो ने यह साफ़ किया था कि कुड़मी आदिवासी नहीं है, लेकिन आज कुछ राजनितिक दल के लोग इस आंदोलन के जरिये खुद को चमकाने में लगे है.