गुमला(GUMLA) एक समय था जब गुमला को झारखंड के शिमला कहा जाता था क्योंकि इलाके में वन क्षेत्र की स्तिथि काफी अच्छी थी लेकिन कुछ वर्षों पूर्व तक इलाके में वन क्षेत्र से अवैध रूप से पेड़ो की कटाई के कारण उसपर बुरा प्रभाव पड़ा जिसे आम लोग भी नही समझ रहे थे लेकिन वर्तमान में वन विभाग की सक्रियता ने ना केवल वन क्षेत्र को सुरक्षित किया है बल्कि जिन इलाकों में पेड़ पौधे नही थे वहां भी अब तेजी से पेड़ पौधे लगाए जा रहे है.

गुमला जिला के विभिन्न इलाको में पेड़ो की सुरक्षा के साथ ही पेड़ पौधे को लगाने की दिशा में काफी गंभीरता से काम हो रहा है जिसको सही रूप से देखभाल करने के लिए नियमित रूप से ड्रोन कैमरा का भी उपयोग हो रहा है डीएफओ श्रीकांत वर्मा की मानें तो ना केवल वन क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ी है बल्की वन क्षेत्र में भी वृद्धि भी हो रही है वितीय वर्ष 2021-22 में जिले में कुल 6 लाख पौधा लगाया गये है. गुमला के सामाजिक कार्यकर्ता जिनके द्वारा वनों की सुरक्षा को लेकर लगातार जगरुक्ता अभियान चलाया जाता है उनकी मानें तो वन विभाग की वर्तमान की टीम वनों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से काम कर रही है

वन विभाग लाख प्रयास कर ले लेकिन अगर वनों को सुरक्षित रखकर मानव जाति को सुरक्षित रखना है तो उसके लिए आम लोगों को भी सक्रिय होकर वनों की सुरक्षा  करनी होगी .जिसके बाद ही गुमला अपने पुराने स्वरूप में आ पायेगा और फिर से गुमला को झारखंड के शिमला कहा जा सकेगा.

 रिपोर्ट- सुशील कुमार सिंह, गुमला