Bokaro: बोकारो से अब उग्रवादियों के पांव उखड़ने लगे है.  बोकारो में उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई में एक के बाद एक  सफलता मिल रही है.  6 महीने में झुमरा पहाड़ और आसपास के इलाकों में तीन बड़े मुठभेड़ हुए.  तीनों में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है.  12 नक्सलियों को मार गिराने में पुलिस सफल रही है.  22 जनवरी 2025 को ऊपर घाट में दो नक्सली मारे गए थे.  उस दिन फरार हुआ अरविंद यादव 21 अप्रैल की मुठभेड़ में मारा  गया था.  इधर, 16 अप्रैल बुधवार को बोकारो की  सियारी पंचायत के बिरहोर  डेरा गांव के निकट जंगल में बुधवार की सुबह करीब 6 बजे पुलिस और नक्सलियों के बीच भिड़ंत हो गई.  

भीषण मुठभेड़ में 5 लाख का इनामी नक्सली सब जोनल  कमांडर कुंवर मांझी  उर्फ़  सहदेव  मांझी  मार गिराया गया.  मुठभेड़ के दौरान करीब आधे घंटे तक पूरा जंगल गोलियों से गूंजता  रहा.  सुबह 6 बजे जब मुठभेड़ शुरू हुई तो दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी.  इस अभियान में  एक कोबरा  जवान भी शहीद हो गए.  बताया जाता है कि 15 जुलाई की रात पुलिस को झुमरा और लुगू  पहाड़ के बीच नक्सलियों की गतिविधि की सूचना मिली थी.  कोबरा बटालियन और पुलिस की टीम ने जंगल में रात में  सर्च अभियान शुरू किया.  बुधवार सुबह करीब 6 बजे नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी.  जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की. 

 मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान में नक्सली कुंवर मांझी का शव  मिला.  कुछ दूरी पर एक ग्रामीण का शव  भी था.  वहीं घायल जवान प्रणेश्वर कोच को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया.  पर इलाज के दौरान उनकी  मौत हो गई.  वह असम के कोकराझार के निवासी थे. 
सूत्रों के अनुसार 21 अप्रैल के मुठभेड़ में भी कुंवर माझी शामिल था.  इस मुठभेड़ में इनामी नक्सली विवेक दा सहित आठ नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था.  उस समय कुंवर मांझी  भाग निकला था.  उस पर बोकारो में 21 और हजारीबाग में 7 आपराधिक मामले दर्ज है.  एक आंकड़े के मुताबिक झारखंड में इस साल जनवरी से अब तक 20 से अधिक बड़े नक्सली या तो मारे जा चुके हैं या सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर चुके है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो