धनबाद(DHANBAD): कॉलेज की बिल्डिंग तो बन गई है, प्रभारी प्राचार्य को नियुक्त कर दिया गया है ,लेकिन आगे का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं है. फिर भी बच्चों का नामांकन हो रहा है. यह शिक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं तो क्या है? सवाल उठता है कि जब तक पूरी व्यवस्था हो नहीं जाती, तब तक बच्चों का एडमिशन लेकर उनकी पढ़ाई कैसे पूरी की जाएगी? अगर उनकी पढ़ाई किसी तरह पूरी भी हो जाती है, तो क्या वह अच्छी नौकरी पा सकेंगे? यह सब सवाल झारखंड के बोकारो और गोड्डा में खुले इंजीनियरिंग कॉलेज को लेकर किए जा रहे है. झारखंड के गोड्डा के लिए पोडैयाहाट में और बोकारो के लिए चंदनकियारी में इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन तैयार हुए है.
दोनों कॉलेज के लिए प्रभारी प्राचार्य की केवल हुई है नियुक्ति
दोनों कॉलेज के लिए प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति तो कर दी गई है, लेकिन किसी भी प्रोफेसर अथवा कर्मी की तैनाती नहीं हुई है. इन कॉलेज के छात्रों का नामांकन बीआईटी , सिंदरी में चल रहा है. जानकारी के अनुसार पहले राउंड में बोकारो इंजीनियरिंग कॉलेज में 72 सीटों पर नामांकन हुआ है. अभी 138 सीट खाली है. इस तरह गोड्डा में 62 सीटों पर नामांकन हुआ है और 147 सीट खाली है. अब खाली सीटों को सेकंड और थर्ड राउंड काउंसलिंग में भरा जा सकता है. थर्ड राउंड काउंसलिंग की प्रक्रिया 11 अगस्त तक पूरी की जानी है. झारखंड के 18 इंजीनियरिंग कॉलेज (सरकारी और प्राइवेट मिलाकर ) सत्र 2025-26 में नामांकन चल रहा है. बोकारो और गोड्डा में नया इंजीनियरिंग कॉलेज खुले है , लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए बिना नामांकन हो रहा है. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के निर्देश पर दोनों नए सरकारी कॉलेज के लिए चयनित बच्चों का नामांकन बीआईटी , सिंदरी कैंपस में चल रहा है.
नामांकन लेने वाले बच्चे भी परेशान हैं, तो उनके अभिभावक भी कम परेशान नहीं है
नामांकन लेने वाले बच्चे भी परेशान हैं, तो उनके अभिभावक भी कम परेशान नहीं है. अब तक के निर्णय के अनुसार बोकारो इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और मेटालर्जिकल एव मटेरियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई होनी है. वही गोड्डा के इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई होनी है. अब सवाल उठता है कि अगर 11 अगस्त के बाद बोकारो और गोड्डा के इंजीनियरिंग कॉलेजो को पूरी तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस नहीं किए गए , तो फिर आगे नामांकन लेने वाले बच्चों का क्या होगा??
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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