जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : दिवाली का त्योहार समाप्त हो चुका है, पर त्योहारों का सिलसिला अभी समाप्त नहीं हुआ है. बहन-भाइयों का पर्व भाई-दूज जो आ गया है. दिवाली के दो दिन बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करके उनकी लंबी आयु, उन्नति और बेहतर भविष्य की कामना करती हैं. यह त्योहार भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. रक्षा बंधन की तरह यह त्योहार भी भाई-बहन के प्रति एक दूसरे के स्नेह को व्यक्त करता है. भाई दूज को भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया, गोधन आदि नामों से भी जाना जाता है. इस दिन बहनें पूजा करती हैं, कथा कर व्रत रखती हैं और भाई को तिलक लगाती हैं. मान्यता है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. इससे उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन बहन भाई की लंबी आयु के लिए यम की भी पूजा करती हैं. इस कारण इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो भाई, बहन से तिलक करवाता है, उसे कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता. उसकी आयु निश्चित रूप से लंबी होती है. बिहार के रहनेवाले आज के दिन भाई बहन को समर्पित गोधन पर्व मनाते हैं जिसमें बहनें पहले भाई को मरने का श्राप देती हैं और फिर जीवित होने की कामना करती हैं. इसके लिए बहनें विशेष प्रकार के कांटे का उपयोग करती हैं. मान्यता है कि इससे भाइयों की आयु बढ़ती है और उनके जीवन में खुशहाली आती है.

रिपोर्ट: अन्नी अमृता, जमशेदपुर