पटना(PATNA) सीएम नीतीश कुमार ने 2024 लोक सभा चुनाव समय से पूर्व होने की आशंका प्रकट की है, उन्होंने अधिकारियों से सारे पेंडिंग काम को समय से पूर्व निपटाने का आदेश भी दिया है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि यह कोई जरुरी नहीं है कि लोकसभा 2024 का चुनाव 2024 में ही हो, केन्द्र सरकार कभी भी इसकी घोषणा कर सकती है. इसलिए हमें अपने स्तर से सारी तैयारियां पूरी रखनी होगी, ताकि समय पूर्व चुनाव की घोषणा से राज्य सरकार का कोई भी काम बाधित नहीं हो.
कर्नाटक चुनाव के बाद आत्ममंथन के दौर से गुजर रही है भाजपा
ध्यान रहे कि कर्नाटक में कांग्रेस को मिली अप्रत्याशित सफलता से इस बात की आशंका प्रकट की जा रही है कि केन्द्र सरकार राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलांगना विधान सभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव करवाने की घोषणा कर सकती है, माना जा रहा है कि यदि राजस्थान, छत्तीगढ़, तेलांगना और मध्यप्रदेश विधान सभा चुनावों में भाजपा को कर्नाटक की तरह ही नुकसान उठाना पड़ता है तो 2024 में मोदी सरकार की वापसी नामुमकिन हो जायेगा.
मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को तोड़ कर बनायी गयी थी भाजपा की सरकार
यहां याद रहे कि कर्नाटक के समान ही मध्यप्रदेश में भी भाजपा को सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं मिला था. विधान सभा चुनाव के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनायी थी, लेकिन बाद में ऑपरेशन लोटस चलाकर सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों को भाजपा में शामिल करवाया लिया गया और इस प्रकार एक निर्वाचित सरकार की विदाई हो गयी, कुछ यही हाल कर्नाटक में भी हुआ था, वहां भी जेडीएस और कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी थी, लेकिन वहां भी ऑपरेशन लोटस चलाकर सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था.
ऑपरेशन लोटस के बुते सरकार बनाने के बाद चुनावी मैदान में मिली भारी हार
लेकिन अब जब कर्नाटक में चुनाव हुआ तो भाजपा को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा, पीएम मोदी की रैलियों, राष्ट्रवाद के नारे और धार्मिक ध्रुवीकरण की तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही यह नैरेटिव भी विस्तार लेने लगा कि अब पीएम मोदी का जादू दम तोड़ चुका है, जनता ऑपरेशन लोटस को नकारने लगी है, राष्ट्रवाद के नारे और धार्मिक ध्रुवीकरण से वह तंग आ चुकी है, अब रोटी रोटी और सामाजिक हिस्सेदारी का सवाल बड़ा होने वाला है.
कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ सकता है
यही कारण है कि माना जा रहा है कि कर्नाटक की तरह ही भाजपा को मध्य प्रदेश में भी हार का सामना करना पड़ सकता है, इसके साथ ही छत्तीसगढ़ और तेलांगना में भी भूपेश बघेल और के.चन्द्रशेखर राव की वापसी भी तय मानी जा रही है. इस बीच आरएसएस के ताजा सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है कि आज के दिन यदि यूपी लोकसभा का चुनाव होता है तो भाजपा को 80 लोकसभा सीटों में से महज 40 सीटें ही मिलने जा रही है.
यूपी सहित करीबन एक दर्जन राज्यों से भाजपा के लिए बज रही है खतरे की घंटी
कुल मिलाकर स्थिति यह है कि बिहार, बंगाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा सहित कई राज्यों में भाजपा के लिए खतरे की घंटी बज रही है, यही कारण है कि चुनावी रणनीतिकारों की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि इस संभावित नुकसान को कम करने के लिए भाजपा समय से पहले लोकसभा चुनाव करवाने की घोषणा कर सकती है, ताकि वह पीएम मोदी के चेहरे को सामने रख कर किसी हद तक इस नुकसान को कम कर सकें. इन्ही तत्थों और आकलनों के आधार पर सीएम नीतीश भी समय पूर्व चुनाव करवाये जाने की आशंका प्रकट रहे हैं.
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