टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : एक ओर झारखंड में मंईयां सम्मान योजना और महिलाओं से जुड़ी कई कल्याणकारी योजनाओं की बात होती है, पर राज्य में आलम यह है की पिछले कई वर्षो से महिला आयोग में अध्यक्ष पद खाली है और महिला आयोग अब निष्क्रिय यानि डिफंक्शनल होता नज़र आ रहा है. ऐसे में महिलाओं के खिलाफ राज्य में बढ़ रहे आपराधिक मामले पर किसी भी तरह का संज्ञान नज़र आता, क्योंकि उनकी सुनने वाला यहां कोई है ही नहीं.

क्यों खाली है अध्यक्ष पद : 
यूं तो महिला आयोग में अध्यक्ष पद क्यों खाली है, इसका कोई सटीक जवाब नहीं है, पर एक कारण झारखंड की राजनीति भी हो सकती है. दरअसल राज्य में महागठबंधन की सरकार है. और झारखंड मुक्ति मोर्चा, काँग्रेस और राजद तीनों पार्टियां ही महिला आयोग का अध्यक्ष उनकी पार्टी से होनी की अनुशंसा करती हैं. सभी पार्टियां यह दाव करती हैं की महिला आयोग की अध्ययक्ष उनकी पार्टी से होंगी पर सही तालमेल और सहमति ना बैठा पाने कारण अबतक अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली है.

अब झारखंड जैसे महिला बहुल राज्य में महिला आयोग का लंबे समय से निष्क्रिय रहना गंभीर चिंता का विषय तो है ही, साथ ही लोगों को यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि जिस राज्य में महिलाओं के लिए इतनी कल्याणकारी योजनाएँ कलाई जा रही है, उसी राज्य में महिलाओं की तकलीफ सुनने के लिए महिला आयोग निष्क्रिय हो चुका है. ऐसे में जरूरत है कि सरकार जल्द से जल्द अध्यक्ष की नियुक्ति कर आयोग को सक्रिय करे, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय और सुरक्षा मिल सके.