टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की बदहाली कौन नहीं जनता. काभी JSSC तो कभी JPSC, कहीं ना कहीं पेंच फस जाती है और अन्तः हाथ लगती है सिर्फ निराशा. यही हाल राज्य में दरोगा बहाली का है. झारखंड में साल 2018 से मुख्य रूप से दरोगा की बहाली हुई ही नहीं है. आलम यह है की छात्र परीक्षाओं के नोटीफिकेशन के इंतज़ार में बैठे हैं की कब परीक्षाएँ होंगी और कब उन्हें सरकारी नौकरी मिलेगी.
दरअसल राज्य में 2018 के बाद से दरोगा बहाली का ना होने का कारण परीक्षाओं में हुई अनियमितता और कानूनी दाव पेंच है. यह बहाली मुख्यतः विभिन्न अदालती मामलों और प्रशासनिक बाधाओं के कारण अटकी हुई है.
यह है प्रमुख कारण :
आरक्षण के मुद्दे को लेकर परीक्षाओं में बार बार रुकावट आ रही है. असल में झारखंड हाई कोर्ट और अन्य अदालतों में OBC आरक्षण को लेकर दायर याचिकाएं भर्ती प्रक्रिया को लगातार प्रभावित करती हैं. राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में नियुक्तियों के लिए 1932 के खातियानी आधारित स्थानीय नीति लागू करने और बाद में इसे संशोधित करने के कारण भी न्यायिक मामले सामने आए है. अब यह मामले लंबे समय से चलता आ रहा है पर अभी तक मामले की पेंच उलझी ही हुई है.
हालांकि सरकार और आयोग द्वारा जारी कैलेन्डर में कई बार दरोगा भर्ती को लेकर नोटिफ़िकेशन जारी होने की बात कही गई है पर धरातल पर यह चीजें कब अमल में आएंगी यह कह पाना मुश्किल है.
Recent Comments