धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के माथे पर कलंक का एक और टीका लगा है. यहां के कारोबारी जीएसटी चोरी के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपना रहे थे, इसका खुलासा हुआ है. इस खुलासे  के बाद अब दो के अलावा अन्य गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो सकता है. किन-किन कारोबारियों ने मिलकर यह सब काम किया है, इसका भी खुलासा संभव है. बाहर के राज्यों से भी गिरफ्तारियां हो सकती है. धनबाद में बैठकर बंगाल, यूपी, ओडिशा, बिहार तक नेटवर्क बना लिए थे. जीएसटी चोरी का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिए थे. डायरेक्टर जनरल ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस, जमशेदपुर की टीम ने धनबाद के दो घाघ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

दोनों धनबाद में बैठकर अन्य प्रदेशो में भी फैला लिए थे नेटवर्क 
 
हीरापुर निवासी अवनीश जायसवाल और मटकुरिया  निवासी मोहम्मद फैजल खान पर फर्जी कंपनियों के नाम पर इनवॉइस जारी करने और अवैध निकासी का आरोप है. इन्हें धनबाद से गिरफ्तार किया गया. उसके बाद उन्हें जमशेदपुर ले जाया गया. सूत्रों के अनुसार उन्हें  मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश किया गया, फिर घाघीडीह  सेंट्रल जेल भेज दिया गया. सूत्रों के अनुसार यह फर्जीवाड़ा केवल झारखंड तक सीमित नहीं है. इसके तार पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और अन्य राज्यों से भी जुड़े है. 

लंबे समय से उनकी गतिविधियों पर रखी जा रही थी नजर 
 
टीम लंबे समय से उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी. इन लोगों ने अलग-अलग नाम से कोयला, स्टील, टीएमटी बार और सीमेंट के कारोबार में फर्जी कंपनियां बनाई थी. इन कंपनियों के नाम पर नकली इनवॉइस जारी कर करोड़ों रुपए के कारोबार का झूठा विवरण दिखाए. असल में कोई माल का लेनदेन हुआ ही नहीं है. जाँच एजेंसी ने छापेमारी में कई डिजिटल डिवाइस,दस्तावेज, बैंक खातों की जानकारी और संदिग्ध लेनदेन का रिकॉर्ड जब्त  किया है. जांच पड़ताल में कुछ बड़े कारोबारी और बिचौलियों की मिलीभगत के संकेत भी मिले है. संभव है कि आने वाले दिन में और कुछ गिरफ्तारियां हो.  

दोनों आरोपियों को फिल्मी अंदाज में की गई गिरफ़्तारी 

बताया जाता है कि जीएसटी की इंटेलीजेंस टीम ने दोनों आरोपियों को फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार किया. टीम सबसे पहले मोहम्मद फैजल की शेल कंपनी के पते पर पहुंची और उसे कागजात के जांच के बहाने बुलाया. जैसे ही फैजल को शक हुआ,उसने भागने की कोशिश की. लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया. वहीं अवनीश जायसवाल के एक रिश्तेदार का निधन हो गया था और वह अंतिम संस्कार में शामिल होने गया था. टीम मोबाइल लोकेशन से उस पर नजर बनाए हुए थी. जैसे ही वह कार्यक्रम से बाहर निकला, टीम ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया. जांच टीम ने दोनों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए है. अब इन उपकरणों  की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि इस गिरोह ने किन-किन बड़े उद्योगपतियों को फर्जी बिल बेचे है. धनबाद के यह दोनों कई फर्जी कंपनियों की मदद से एक बड़ा नेटवर्क चला रहे थे. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो