जमशेदपुर ( JAMSHEDPUR) - केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आज झारखंड समेत विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की.जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय में आयोजित इस वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी शामिल हुए. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की विभिन्न मांगों पर सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया. देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में आज झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को सबसे पहले बोलने का मौका मिला.
जीनोम सिक्वेन्सी मशीन देने की मांग
मंत्री बन्ना गुप्ता ने सबसे पहले केंद्र सरकार से जीनोम सिक्वेन्सी मशीन देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि जब रिम्स को रिसर्च सेंटर का दर्ज़ा मिल गया है ,तो यहाँ जीनोम सिक्वेन्सी मशीन जरूर मिलनी चाहिए. इसे स्वीकार करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया जी ने आश्वस्त किया कि झारखंड को जल्द मशीन उपलब्ध कराई जाएगी. मंत्री बन्ना गुप्ता लगातार साहिया बहनों के मानदेय को 2 हजार से 7 हजार बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं जिसे आज की बैठक में भी उन्होंने दुहराया जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि मामला पहले से संज्ञान में है और केंद्र सरकार जल्द इस पर फैसला लेगी. बन्ना गुप्ता ने कोरोना मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत पूर्ण रूप से फ्री करने की भी मांग की इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह आयुष्मान भारत योजना से जुड़ गया हैं,. इस पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसे कड़ाई से लागू कराने का अनुरोध किया ताकि प्राइवेट अस्पताल द्वारा इलाज के नामपर आर्थिक दोहन बंद हो सके. साथ ही मंत्री बन्ना गुप्ता ने मांग की कि देश में सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोरोना के इलाज के लिए एक टैरिफ का निर्धारण किया जाए जिसमें एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज तक की टैरिफ घोषित की जाए ताकि इलाज के नाम पर जो लूट मची है उसे रोका जा सके. उन्होंने ये भी मांग की कि मृत होने के बाद भी जो अस्पताल बकाए रकम के लिए शव को बंधक बना लेते हैं उसके लिए भी एक कठोर कानून बने ताकि कम से कम मृत्यु के बाद परिजनों को अंत्येष्टि करने के लिए परेशान न होना पड़े और ससम्मान शव की अंत्येष्टि हो सके.
राज्य की योजनाओं में अंशदान बढ़ाने की मांग
मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र और राज्य की योजनाओं में अंशदान जो अभी 60:40 हैं उसे 90:10 करने का अनुरोध किया ताकि राज्य सरकार अपनी व्यवस्था को मजबूती से सुदृढ़ कर सके. मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांग की कि वैक्सीनेशन के लिए 15 से 18 साल उम्र वाले बच्चों की उम्र सीमा न्यूनतम घटाकर 12 साल से 18 साल करें ताकि सभी स्कूली छात्र छात्राएं इससे लाभान्वित हो सकें. बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब को-वैक्सीन बच्चों में लगाने की अनुमति आईसीएमआर और भारत ड्रग कंट्रोलर ने दी है, तो बच्चों के वैक्सीनेशन की उम्र सीमा 15 से 18वर्ष में संशोधित करते हुए इसे 12 से 18वर्ष किया जाए, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इसका फायदा मिल सके.
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