गुमला(GUMLA)-सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.दरअसल पहले से ही यहां डॉक्टर की कमी की समस्या थी. गुमला सदर अस्पताल में बीते दिनों थोक में 16 डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया और उसके स्थान पर महज चार डॉक्टर की ही नियुक्ति किया गया. जिस कारण इलाज के लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
महज चार डॉक्टर पर आश्रित हैं ग्रामीण
गुमला जिला के ग्रामीण इलाज के लिए पूरी तरह से सरकारी अस्पतालों पर आश्रित हैं. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आदिवासी बहुल इस इलाके में इन दिनों डॉक्टरों की समस्या लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है. गुमला जिला के विभिन्न प्रखंडों से लोग इलाज के लिए सदर अस्पताल में आते हैं लेकिन विगत कुछ दिनों से डॉक्टरों की संख्या काफी कम होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो पहले भी इस बात को लेकर कई बार आवाज़ उठाई गयी हैं लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. गुमला सदर अस्पताल में बीते दिनों 16 डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया और उसके स्थान पर महज चार डॉक्टर की ही नियुक्ति की गई. जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.अस्पताल में आने वाले लोगों ने कहा कि वे पैसे के अभाव में इलाज के लिए बाहर नहीं जा सकते हैं, ऐसे में मजबूरी में उन्हें यहां आना पड़ता है. लेकिन सही रूप से इलाज नहीं हो पाने के कारण उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाने को मजबूर हैं ग्रामीण
गुमला सदर अस्पताल के आसपास रहने वाले लोगों की मानें तो पहले इलाज के लिए अस्पताल में लोग काफी संख्या में आते थे. लेकिन चिकित्सकों की कमी होने के कारण अब लोगों की संख्या घट गई हैं. बता दें कि बहुत सारे लोग तो भगवान भरोसे गांव में ही रहकर झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाने को मजबूर हैं. वहीं डॉक्टरों की कमी के कारण कई बार तो लोगों की जान भी जा चुकी है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अनुप्रिया देवी की मानें तो गुमला जैसे आदिवासी बहुल इलाके में डॉक्टरों की कमी होना दुर्भाग्य का विषय है. जहां एक ओर झारखंड सरकार की ओर से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के लोगों को बेहतर इलाज करवाने की व्यवस्था करने का वादा किया जा रहा हैं, वहीं गुमला जिला के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी ने ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी हैं. वही सदर अस्पताल में प्रसव के लिए काफी संख्या में महिलाएं आती हैं लेकिन जिस तरह से चिकित्सकों की लगातार कमी होती जा रही है ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ग्रामीणों ने सरकार से इस मामले को लेकर गंभीरता से कार्रवाई करने की मांग की हैं. इस मामले पर जिला के पदाधिकारी कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं. उनका मानना है कि यह राज्य सरकार का मामला है और ऐसे में वे इस मामले पर कुछ भी बोलने से असमर्थ हैं.
रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह,गुमला
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