आज के समय में हर व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान, दुःख और अशांति में है. जिसकी वजह से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त नही कर पाता .इस भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में मन और शरीर को शांत रखना अक्सर लोग भूल जाते है. शरीर भले थक जाए, पर अगर मन शांत रहे, तो शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है. शरीर और मन दोनों को शांत और स्वस्थ रखने का सबसे आसान और फायदेमंद तरीका है ‘मेडिटेशन’ करना.  मेडिटेशन यानी ध्यान लगाना. ध्यान लगाने से मन शांत होता है साथ ही दिमागी तौर से हम ताजा हो सकते हैं. ध्यान लगाने के लिए हमेशा एक शांत जगह की तलाश होती है,जहां पर बिना किसी अड़चनों के ध्यान लगाया जा सके.

क्या है मेडिटेशन

मेडिटेशन का अर्थ है अपने मन को किसी एक जगह, विचार, या कार्य पर केंद्रित करना. हमारा मन एक ही समय में कई तरह की बातें सोचता है. ऐसे में मन की शांति भंग हो जाती है,जिसके बाद मन की शांति के लिए हमे ध्यान करना होता है,जिससे हमारा मन शांत हो सके.ध्यान एक मानसिक व्यायाम है, जिसमें रिलैक्सेशन, फोकस और जागरूकता शामिल है. जिस तरह शरीर के लिए शारीरिक व्यायाम काम करता है वैसे ही मेडिटेशन दिमाग के लिए एक अभ्यास है. यह अभ्यास आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से बैठकर शांत स्थिति में और आंखें बंद करके किया जाता है.

कैसे करे मेडिटेशन

मेडिटेशन करने का सबसे सही वक़्त होता है सुबह 4-5 बजे का समय और शाम के 6-7 बजे का समय, क्योंकि इस वक़्त चारो तरफ शांति रहती है और हमारा मन भी शांत रहता है. सबसे पहले शांत होकर शरीर ढीला करके बिल्कुल सीधे होकर बैठें. अपनी हाथो को आसान मुद्रा में रखे और उसके बाद मंत्र का उच्चारण आप अपनी क्षमता के अनुसार करें. आंख बंद करते ही आपके मन में कई प्रकार के विचारों का सैलाब उमड़ेगा,उन विचारों को रोके नहीं, उन्हें आने दें. धीरे-धीरे आपका मन अपने आप शांत हो जाएगा, ध्यान के पहले थोड़ी देर का वार्मअप भी कर सकते है.

कई तरह के होते है मेडिटेशन

मैडिटेशन हमे ऐसी जगह करनी चाहिए जहां शांति हो जिसमे बिना किसी अड़चन के अपने मन को ध्यान में लगा सके.  आप मैडिटेशन कई तरह से कर सकते है जैसे ॐ शांति मेडिटेशन में आपको अपना ध्यान एक पॉइंट ऑफ़ लाइट पर केंद्रित करना होता है और धीरे-धीरे अपनी सभी चिंताओं को मस्तिष्क से हटाते जाना होता है. जिससे शरीर को बहुत ठंडक पहुँचती है.और आराम मिलता है. डीप मेडिटेशन करने से आपका मन बिना किसी जागरूकता की स्तिथि में चला जाएगा. आपका मन हज़ारो विचारों को पीछे छोड़ते हुए बिलकुल गहराई तक पहुंच जाएगा जहाँ किसी भी तरह का कोई विचार उस तक नहीं पहुंच सकेगा. मन को एकाग्र करने में सबसे अधिक फायदेमंद होता है तीसरा नेत्र. इसमें आपको अपना ध्यान अपने आईब्रोस के बीच स्तिथ तीसरे नेत्र पर लगाना होता है और धीरे-धीरे अपनी सांसों की गति को समझना पड़ता है. साथ ही मंत्र मेडिटेशन में आपका ध्यान एक शब्द या ध्वनि पर केंद्रित होता है, जैसे – ‘ॐ‘ इस शब्द का उच्चारण करते-करते आपका ध्यान पूरी तरह से आपके वातावरण में लीन हो जाता है. यह आपके जागरूकता को गहराई तक अनुभव करने की क्षमता को बढ़ाता है.

मेडिटेशन करने के फायदे

मेडिटेशन करने से मन अशांत रहने पर उसके निष्क्रिय पड़े हुए भागों को उपयोग में लाने योग्य बनाता है. यदि आपको भूलने की आदत है तो ध्यान आपके लिए बहुत उपयोगी है.गुस्सैल प्रवृत्ति के लोगों का मन शांत करने में कारगर है भावातीत ध्यान. शांति, सामर्थ्य, संतोष, शांति, विद्वत्ता और सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है ध्यान. मेडिटेशन तनाव को कम करता है,चिंता को नियंत्रित करता है,भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है,आत्म-जागरूकता को बढ़ाता है,उम्र से संबंधित स्मृति हानि को कम कर सकता है. मैडिटेशन करने के अनगिनत लाभ होते है इसे मानसिक रूप से लाभ होने के साथ शारीरिक रूप से भी बहुत ज्यादा फ़ायदा होता है.