दुमका(DUMKA) के रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय स्थित विकास भवन में कोबिड 19 के वैक्सीनेशन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. प्रखंड के आलूबेडा निवासी तारा मुनि देवी कोबिड 19 के वैक्सीन का पहला डोज लेने पहुंची थी. एएनएम द्वारा वैक्सीन का पहला डोज उसे दिया गया. महिला जब तक कुर्सी से उठती तब तक एएनएम ने उसे दूसरा डोज भी दे दिया. महिला जब तक एएनएम को पहले डोज की बाबत बताती तब तक दूसरा डोज दिया जा चुका था. महिला को ऑब्जरवेशन में रखा गया है, जहाँ कुछ देर बाद वह बेहोश हो गयी. होश में लाने के बाद उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है. उसकी स्थिति खतरे से बाहर है. यह घटना मंगलवार की है. डबल डोज देने वाली एएनएम खुशबू कुमारी एक तरफ तो डबल डोज देने से इंकार कर रही है वहीं पीड़ित महिला के आरोप को इंकार भी नहीं कर रही है. वहीं रामगढ़ के स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी प्रभा हेम्ब्रम ने इसे बड़ी चूक मानते हुए एएनएम से स्पस्टीकरण मांगा है. स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक कोविड-19 के वैक्सीनेशन कार्य को मिशन मोड पर चला रही है। इसके बावजूद वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है, खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बीच आज भी कोविड-19 के वैक्सीन को लेकर एक संशय बरकरार है और उस संशय को दूर करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा काफी प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि आम लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जा सकें। इस परिस्थिति में स्वास्थ विभाग की यह लापरवाही कहीं वैक्सीनेशन की रफ्तार को धीमी ना कर दें, गनीमत है कि महिला सुरक्षित है और खतरे से बाहर है,अगर कुछ अनहोनी हो जाती है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होता और उसका दुष्परिणाम निश्चित रूप से जिले में चल रहे वैक्शिनेशन कार्य पर पड़ता.

रिपोर्ट : पंचम झा,दुमका