TNPDESK: पुलिस विभाग का तो कई कारनामा सुर्खियों में रहता है. कभी किसी की पिटाई का मामला हो या कभी सड़क पर वसूली का. लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया जिससे पुरे महकमे में हड़कंप मच गया. इस बार बात कोई दरोगा पर नहीं है बल्कि विभाग के बड़े साहब ही सवालों के घेरे में आ गए. क्योकि सिर्फ 2.5 साल में छत्तीसगढ़ पुलिस ने 300 करोड़ का डीजल खर्च कर दिया. मजे की बात है कि इसमें सबसे ज्यादा रेंट पर ली गई गाड़ियों में डीजल डलवा दिया.
दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक विधायक ने सवाल किया कि पुलिस की गाड़ियों में कितना डीजल डाला गया है कितनी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें जो जवाब मिला उसे जान कर सभी चौक गए. जवाब था कि 300 करोड़ का डीजल डाला गया है. इसमें सबसे आगे निजी गाड़ी में डीजल भरने में बीजापुर आगे निकला है जहां 16 करोड़ का डीजल डाला गया. जबकि सरकारी गाड़ी में डीजल भरवाने में रायपुर टॉप पर है यहाँ 8 करोड़ का ईंधन खर्च हुआ है.
अब जो रिपोर्ट सामने आई है.इसमें 300 करोड़ में 170 करोड़ का ईंधन निजी वाहनों में खर्च हुआ है, जबकि सरकारी गाड़ी में 130 करोड़ का है. रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी 22 हजार गाड़ी है जिसमें 130 करोड़ का डीजल खर्च हुआ है, वहीं 66 हजार के करीब निजी गाड़ी में 170 करोड़ का ईंधन खर्च हुआ है.यह आकड़ा 2023 से लेकर 2025 तक का है.
अब अगर देखें तो छत्तीसगढ़ एक छोटा प्रदेश है. कई जिलों में अभी भी गतिविधि उतना अधिक नहीं दिखती है. साथ ही ना ही कोई वैसा VVIP मूवमेंट होता है. जिस वजह से गाड़ियों का फेरा करना अधिक पड़ता हो. ऐसे में जब डीजल का मामला उठा तो अब सरकार हरकत में आई है. साथ ही पूरे मामले की जाँच की बात कही जा रही है. अब जाँच में खुलासा होगा की तेल पुलिस की गाड़ियों पी गयी या फिर किसी अधिकारी ने.
Recent Comments