टीएनपी डेस्क : हमारे शरीर के अंगों का हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी एहम किरदार निभाते हैं. खराब विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर को हेल्दी रखने में लिवर एक एहम किरदार निभाता है. लेकिन आज के समय में खराब खानपान और बदलती लाइफ स्टाइल के कारण लोगों को लिवर से जुड़ी कई समस्याएं हो रही हैं. पाचन समस्या से लेकर Hepatitis की समस्या से लोग परेशान रह रहे हैं. हेपेटाइटिस के कारण लिवर में सूजन जैसी समस्या हो रही है और अगर इन समस्याओं को समय रहते न ठीक किया जाए तो हमारा लिवर फेल भी हो सकता है. वहीं, लिवर से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल दुनिया भर में 28 जुलाई को हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है. आज के इस आर्टिकल में पढिए क्या है 'Hepatitis Day' और कैसे और क्यों हुई इसकी शुरुआत.
क्या है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस हमारे लिवर में होने वाली घातक बीमारी है. हेपेटाइटिस एक वायरल इन्फेक्शन है, जिससे लिवर में सूजन बढ़ जाती है. अगर इसका सही समय पर उपचार न किया जाए तो हेपाटाइटिस बी और सी टाइप वायरस दुनियाभर में लाखों लोगों में लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन रही है. इसलिए बच्चे के जन्म के बाद बच्चे को हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगवानी जरूरी होती है. यह वैक्सीन हेपेटाइटिस से होने वाली बीमारियों से बचाता है.
क्यों मनाया जाता है विश्व हेपेटाइटिस दिवस
हेपेटाइटिस वायरस की खोज और इसके वैक्सीन विकसित करने वाले वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. बारूक ब्लमबर्ग पहले शख्स थे. इसलिए डॉ. बारूक के जन्मदिन यानी 28 जुलाई को ही हर साल हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया को हेपेटाइटिस बी से होने वाली बीमारियों और इसके उपचार व सही टेस्टिंग के बारे में जागरूक करना है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) कि ओर से वर्ल्ड वाइड हेपेटाइटिस फ्री मिशन के साथ पहली बार साल 2008 में हेपेटाइटिस डे को मनाने की शुरुआत की गई थी.
हेपेटाइटिस के लक्षण
- बुखार
- मतली और उल्टी,
- त्वचा व आंखों का पीला पड़ना,
- थकान,
- कमजोरी,
- पेट में दर्द
- गहरे पीले रंग का पेशाब आना
- भूख न लगना
- जोड़ों का दर्द
- वजन कम होना
हेपाटाइटिस वायरस के प्रकार
हेपाटाइटिस वायरस 5 तरह के होते हैं. इन 5 वायरस के अलग अलग कारण होते हैं और इन्हें ठीक करने के तरीके रोग की गंभीरता पर निर्भर होते हैं.
हेपेटाइटिस ए- दूषित पानी और भोजन के कारण यह संक्रमण होता है. इस संक्रमण के कारण लिवर में तीव्र सूजन होता है. इस संक्रमण से हर साल 14 लाख से अधिक लोग ग्रसित हो रहे हैं.
हेपेटाइटिस बी- यह संक्रमण संक्रमित खून और सिमेन और दूसरे तरल पदार्थों के कारण होता है. इस संक्रमण से पीड़ित कुछ लोग जल्द ठीक हो जाते हैं तो वहीं कुछ लोगों में यह संक्रमण लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर का कारण भी बन जाता है.
हेपेटाइटिस सी- यह संक्रमण संक्रमित सुई (इंजेक्शन) और रक्त के कारण होता है. कई मामलों में तो पीड़ितों को इस बात की भनक भी नहीं होती कि वे इस संक्रमण से पीड़ित हैं. जिसके कारण सही समय पर उपचार न मिलने से इस संक्रमण के कारण लोग लिवर कैंसर, सिरोसिस और लिवर फेल जैसी समस्याओं से पीड़ित होते हैं.
हेपेटाइटिस डी- एचबीवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति को हेपेटाइटिस डी वायरस होता है. ऐसे में दोनों वायरस से एक साथ संक्रमित होने पर लिवर को ज्यादा नुकसान पहुंचता है.
हेपेटाइटिस ई- हेपेटाइटिस ई भी खराब भोजन और पानी से होता है.
हेपेटाइटिस से बचाव
अपने आसपास के क्षेत्र में हमेशा सफाई रखें.
हमेशा साफ पानी का सेवन करें. हो सकें तो पानी को उबाल कर या फ़िल्टर का पानी पियें.
अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं, हाइजीन का ध्यान रखें.
टैटू बनवाते या कान नाक छिदवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण सुरक्षित और इंफेक्शन मुक्त हो.
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