गुमला (GUMLA) : झारखंड प्रकृति और खनिज संपदा से भरा पूरा राज्य है. इन खनिजों से देश को करोड़ों और अरबों का राजस्व प्राप्त होता है.  खनिज और संपदा होने के बावजूद अगर कोई कहे कि इस राज्य की 42 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है तो? जी हां, ये बिल्कुल सत्य है और ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ये कहना है नीति आयोग का. भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा विभिन्न आयामों के अध्ययन के बाद एक रिपोर्ट पेश किया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि झारखंड में 42 प्रतिशत गरीबी है. इस रिपोर्ट ने झारखंड की चिंता बढ़ा दी है.

रिपोर्ट पर गुमला के लोगों ने दी प्रतिक्रिया

विनय सत्पति की माने तो राज्य में शिक्षा की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण अधिकांश क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर काफी निम्न है. उन्होंने बताया कि झारखंड की एक बहुत बड़ी आबादी पूरी तरह से सरकारी स्कूलों पर आश्रित है, लेकिन उन्हें सही शिक्षा नही मिल पाती है. वहीं उन्होंने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है. इसलिए सरकार को उन्हें ध्यान में रखकर नीति बनानी चाहिए. वहीं अभिषेक कुमार मिश्रा की मानें तो आज शिक्षा को कौशल युक्त शिक्षा बनाने की आवश्यकता है. तभी जा कर लोगों का जीवन बेहतर हो पाएगा. इस दौरान मौजूद शिक्षिका स्नेह गुप्ता ने कहा कि आज झारखंड को संसाधनों से भरा स्टेट कहा जाता है लेकिन उसका सही उपयोग तभी हो पाएगा जब मानव संसाधन स्किल्ड होगा, नहीं तो संसाधन के होने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने बताया कि जापान आज काफी छोटा और कम संसाधन वाला देश है. लेकिन उसके मानव संसाधन के बेहतर स्किल्ड होने के कारण वह पूरे विश्व में अलग पहचान बनाये हुए है. नीति आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार, झारखंड और यूपी को गरीब राज्य बताया गया है. बिहार में 51 प्रतिशत गरीबी है जबकि झारखंड में 42 प्रतिशत और यूपी में 37 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे लोग जीवन बसर कर रहे हैं.

रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह, गुमला