रांची (RANCHI) : डायन प्रताड़ना के खिलाफ छुटनी महतो को भारत सरकार ने सर्वोच्च  नागरिक का सम्म्मान दिया है. बीते 8 नवंबर को नयी दिल्ली राष्ट्रपति भवन में छुटनी देवी को  वर्ष 2020 के लिए पद्म श्री सम्मान से सम्म्मानित  किया गया. झारखण्ड,बंगाल बिहार और उड़ीसा के सीमावर्ती इलाकों में छूटनी देवी एक बड़े नाम के तौर पर जानी जाती हैं. आदिवासी बहुल इलाके में डायन प्रथा एक बड़ी कुरीति है जिसमें कितनी महिलाओं की हर साल जान जाती है, इसका कोई वास्तविक आंकड़ा शायद सरकार के पास भी नहीं है. कभी छुटनी महतो भी डायन घोषित हुई थीं और जान बचाने के लिए रातों-रात अपने चार बच्चों के साथ दर-दर भटकी थीं. बाद के वर्षों में उन्होंने न केवल खुद के लिए संघर्ष किया, बल्कि इलाके में डायन घोषित कर चुकी महिलओं के बचाव में मजबूत आवाज बन खड़ी हुईं. 27 नवंबर को छुटनी महतो द न्यूज पोस्ट के दफ्तर में थीं. द न्यूज पोस्ट की टीम के साथ उन्होंने साझा की डायन से पद्मश्री बनने तक का रोचक सफर... 

THE  NEWS  POST : कुप्रथा डायन बिसाही के लिए लम्बी लड़ाई लड़ने की कहानी हमें सुनाइए. 

छुटनी महतो : डायन मुद्द्दे पर काम करने वाली छुटनी को खुद ही डायन की संज्ञा दी गई थी. वर्ष 1995 के सितम्बर महीने की एक रात  सुनने को मिला कि मुझे काट दिया जाएगा. रात में ही 12  बजे  चारों बच्चों को लेकर निकल गयी थी. जान बच्चा कर किसी तरह से भागी थी. बड़ी बहन के घर रात को पहुंची.  8 महीने तक पेड़ के नीचे बच्चौं के साथ बिताया था. इस कार्य को हमेशा करते रहूंगी. पत्रकारों ने बहुत मदद की. थाना में फ़ोन करके सभी तरह का मदद मिलता रहा है. 21  वर्षों में 145 महिलाओं का घर बसाया है. अब उड़ीसा के लिए भी कार्य करना है. पद्मश्री मिलने के बाद मेरी जिम्मेदारी और भी बढ़ गयी है. महिला को पद्मश्री का पुरस्कार मिला है. पढ़े लिखे लोगों को मिलनेवाला पद्मश्री हमारे जैसे अनपढ़ को  दिया है.प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे दिया है. 

THE NEWS POST : डायन का आरोप  लगा था आपके ऊपर?

छुटनी महतो : एक कुंवारी लड़की को उल्टी हो रही थी, तो हमने  मजाक में कहा था कि कलयुग में हवा से भी बच्चा हो सकता है. "का जाने तुम माँ बनने वाली हो ,तो उसकी बहन ने कहा कि कैसे, डायन नहीं तो तुमको कैसे पता चला हमारी शादी नहीं हुई है.  "इस बात को पकड़ के रखा. मुझे घर से हटाकर ,मेरे पति से 5 हजार रुपए लेकर धुलाई कराया.

THE NEWS POST : समाज सेवा में कैसे उतरीं ?


छुटनी महतो : हमारी  जैसी घटना  किसी और भी महिला के साथ नहीं घटे, इसलिए मैंने कमर कसी.

THE NEWS POST : PMO से CALL आने पर कैसा  महसूस हुआ?


छुटनी महतो : कॉल  आया तो अंग्रेजी में बोल रहा था. 25 जनवरी 2021 को बोला कि आप छुटनी  बोल रहे हो? तो हमने बोला कि आपको नंबर मिला और नाम नहीं पता है. बधाई दिया और कहा कि चैनल  में चलेगा.  26  जनवरी को इंटरव्यू देते देते गला मोटा हो गया था. दो बजे दोपहर को ब्रश किया था. पूरा पंचायत खुश, ब्लॉक खुश, जिला खुश, राज्य खुश...सब खुश हो गया. 

THE  NEWS  POST : राष्ट्रपति ने क्या कहा? मोदी से मिलकर कैसा लगा?


छुटनी  महतो : राष्ट्रपति भवन में बोला कि झारखण्ड में आप टॉप कर गए ,जो पढ़ा लिखा उसे नहीं मिलता आपको मिल गया. मोदी ने कहा कि  जितना संकट की है, हमरा दिमाग में लगा कि बड़े से बड़ा अवार्ड देंगे. बड़ा भाई के जैसा अवार्ड दिया है. ये गर्व की बात है. पद्मश्री लेकर चादर ओढ़ कर नहीं सोएंगे. डायन के नाम को मिटाएंगे. सरकार से निवेदन है कि मुझे गाड़ी चाहिए और बॉडीगार्ड, नहीं तो जिसके फेवर में कर रहे हैं, वो तो साथ देगा, पर जिसके खिलाफ में है वो तो मार देगा. 

रिपोर्ट : रंजना कुमारी (रांची ब्यूरो )