धनबाद(DHANBAD) : बिहार में महागठबंधन, सीएम फेस के किच-किच से बाहर निकल कर चुनाव की तैयारी में जुटने की लगातार कोशिश कर रहा है. सीएम फेस की घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन इतना तो तय हो ही गया है कि जिस दल के अधिक विधायक होंगे ,उसी दल का नेता सीएम बनेगा. तेजश्वी यादव भी समझ ही रहे होंगे कि इससे भी उनका रास्ता साफ़ हो सकता है. इधर, रविवार को महागठबंधन की विशेष बैठक हुई. इस बैठक में हर जिले और प्रखंड में संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया. इन कार्यक्रमों में महागठबंधन के सभी घटक दल के नेता शामिल होंगे. तारीखों की घोषणा समन्वय समिति की बैठक में की जाएगी. साथ ही एक उप समिति बनेगी, जो चुनाव के दौरान इलेक्शन कमीशन से मिलती रहेगी.
महागठबंधन की तीसरी बैठक में आगे की बनी रणनीति
इस उप समिति में भी सभी घटक दलों के नेता शामिल रहेंगे. रविवार को महागठबंधन की यह तीसरी महत्वपूर्ण बैठक थी. इस बैठक में तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, कृष्ण अल्लावरू रामनरेश पांडे, मुकेश साहनी के अलावा घटक दल के सभी नेता, सांसद, विधायक, विधान पार्षद, प्रदेश पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष मौजूद थे. महा गठबंधन के नेताओं ने कहा कि उनका एजेंडा बिल्कुल क्लियर है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाना है. अभी जो ब्यूरोक्रेट की सरकार है, उसे हटा देना है. इधर, बिहार में जाति जनगणना पर तेज हुई सियासत अब लेटर तक पहुंच गई है. शनिवार को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र लिखा था.
तेजश्वी यादव के पीएम को चिट्ठी पर आई जदयू की प्रतिक्रिया
कहा था कि जाति आंकड़ों के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए. उसके जवाब में जदयू ने लालू यादव के नाम खत लिखकर पलटवार किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू प्रसाद के नाम लिखे पत्र में उस पत्र को "गुनाहनामा" बताया है. उन्होंने छह बिंदुओं पर लालू यादव पर निशाना साधा है. नीरज कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि लालू यादव ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का अपमान किया था. जब उनके लिए जीप देने की बात आई तो लालू जी ने तेल नहीं होने का बहाना करते हुए कर्पूरी ठाकुर का अपमान किया. लालू यादव के 15 सालों के शासनकाल में अति पिछड़े समाज की हकमरी हुई. इसके अलावे भी उन्होंने कई सवाल उठाए है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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