रांची(RANCHI): विधानसभा का मॉनसून सत्र ख़त्म हो गया.सदन मेंआखरी दिन भी हंगामा हुआ.विपक्ष विभिन्न सवालो को लेकर सरकार पर हमलावर दिखी.वेल में पहुँच कर हंगामा किया.नतीजा हुआ की प्रश्नकाल नहीं हो पाया.ऐसे में सदन समाप्ति पर सदन के नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सम्बोधन में विपक्ष पर करारा हमला किया.साथ ही अपने भाषण में दिशोम गुरु शिबू सोरेन और दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के जाने पर भावुक हुई.इस पुरे संबोधन में केंद्र सरकार से लेकर राज्य में विपक्ष को जवाब दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को अस्तित्व दिलाना और उसे यहां तक पहुंचाना आसान नहीं था. इस राज्य ने जिस संघर्ष से अपनी पहचान बनाई, वैसा किसी राज्य ने नहीं किया. गुरुजी का योगदान सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायी रहा है.
सोरेन ने कहा कि अनुपूरक बजट जनता की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर लाया गया है, न कि राजनीति के लिए. हमने पांच साल सरकार चलाई और जनता ने हमें फिर से जिम्मेदारी सौंपी. लेकिन विपक्ष मुद्दा विहीन होकर केवल शोर मचाता है. सड़क हो या सदन हर जगह बाधा डालना ही इनकी राजनीति है. जब तर्क खत्म हो जाते हैं तो ये कानून का दरवाज़ा खटखटाते हैं. कई संस्थाएं इनकी जेब में हैं, लेकिन सरकार पूरी मजबूती से खड़ी है और रहेगी.
उन्होंने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि हमारी सरकार जनता की है और जनता के लिए है. विपक्ष जिन राज्यों में सत्ता में है, वहां की हालत किसी से छिपी नहीं है. ये लोग देश को विश्वगुरु बनाने की बात करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि देश की स्थिति बिगड़ती जा रही है, जबकि इनके नेता जरूर विश्वगुरु बनने की राह पर हैं.
सत्र के दौरान शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे झूठे आरोपों में नेताओं को जेल भेज रहे हैं और अब ऐसे कानून ला रहे हैं जिनके तहत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को जेल भेजने का रास्ता खोल दिया गया है. यह लोकतंत्र को बंधक बनाने की चाल है. जनता की भूमिका वोट से तय होती है, लेकिन यह लोग 30 दिन के भीतर सदस्यता खत्म करने का षड्यंत्र रच रहे हैं.
सोरेन ने SIR मामले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग से लेकर तमाम संस्थाएं चुप्पी साधे हुए हैं. इनकी सोच यही है कि जनता के बीच झूठे चित्र गढ़ो और लोगों को भ्रमित करो. उन्होंने कहा कि पिछली बार भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर राष्ट्रपति को बुलाकर कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था और बाद में पीएम खुद खूंटी जाकर घोषणाओं की झड़ी लगा गए. आज तक वे घोषणाएं पूरी नहीं हुईं और अब फिर जुमलेबाज़ी शुरू है.
सीएम ने कहा कि झारखंड, जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता है, ने देश को बहुत कुछ दिया है. लेकिन यहां के खनिज-संपदा से अरबपति बनने वाले लोग राज्य को कुछ नहीं लौटाते. धनबाद, रामगढ़ और यूरेनियम क्षेत्रों में प्रदूषण और बीमारियों ने लोगों का जीवन नरक बना दिया है. आज यहां हर तीसरा महिला-पुरुष गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और कई बच्चों की मौत जन्म से पहले ही हो जाती है, जबकि पीएम निरीक्षण का ढोल पीटते रहते हैं.
बड़ी कंपनियां झारखंड के जंगलों और संसाधनों पर नजर गड़ाए बैठी हैं और राज्य को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. विपक्ष इन मुद्दों को जनता की भलाई के लिए नहीं, बल्कि राजनीति की रोटियां सेंकने के लिए उठाता है.
सीएम ने बिहार चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात की तर्ज पर वहां भी फर्जी पार्टियां बनाई जा रही हैं. ये जिस गति से विकास का ढोल पीटते हैं, सारी योजनाएं धराशायी हो जाएंगी.
अंत में हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड संघर्ष करते हुए अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है और इसे विकास मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है. उन्होंने विपक्ष को चेतावनी भरे लहजे में कहा—आप झारखंड के प्रतिनिधि हैं, दिल्ली-मुंबई के नहीं. राज्य के मुद्दों पर सहयोग कीजिए, न कि झूठे आरोप और षड्यंत्र की राजनीति कीजिए. हालांकि, जब नेता सदन भाषण दे रहे थे, तब विपक्ष का एक भी सदस्य सदन में मौजूद नहीं था.
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