पाकुड़ (PAKUR): पाकुड़ जिले में चक्रवाती तूफान मोंथा का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते 48 घंटों से हो रही रुक-रुक कर बारिश और तेज़ हवाओं ने जनजीवन के साथ-साथ किसानों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। मौसम विभाग पहले ही चेतावनी जारी कर चुका था कि यह तूफान झारखंड के कई हिस्सों में हल्के से मध्यम असर डालेगा और अब इसका सबसे बड़ा प्रभाव खेतों में दिखाई दे रहा है।
तेज़ हवा और बारिश से धान की फसलें खेतों में गिर गई हैं, जबकि हाल ही में बोए गए आलू के खेतों में पानी भर गया है। किसानों का कहना है कि लगातार पानी भरे रहने से आलू के छोटे बीज सड़ने का खतरा बढ़ गया है। उनका कहना है कि अगले एक सप्ताह में धान की कटाई शुरू होनी थी, लेकिन अचानक आए इस मौसम बदलाव ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
केवल धान और आलू ही नहीं, बल्कि सरसों की खेती पर भी तूफान का असर पड़ा है। शुरुआती अवस्था में लगी सरसों की पौधें तेज़ हवा से झुक गई हैं, जिससे उपज पर असर पड़ने की संभावना है।
किसानों ने प्रशासन और कृषि विभाग से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करवाने और राहत सहायता देने की मांग की है, ताकि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई कुछ हद तक की जा सके।
रिपोर्ट: विकास कुमार साहा

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