गोड्डा(GODDA):झारखंड के सभी जिलों में मोंथा तूफान की वजह से हुए नुकसान में गोड्डा भी अछूता नहीं रह गया है.पिछले तीन दिनों से रुक रुक-रुक कर हो रही बारिश और हवा ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है.शुक्रवार को दिन भर हुई मूसलाधार बारिश में जहां शहरी क्षेत्रों में जलजमाव से लोगों के घरों में पानी घुसा तो वहीं ग्रामीण इलाकों में किसान के खेतों में काफी नुकसान कर दिया.

 छठ के बाद शुरू हुई कटनी मगर इस पानी से मची तबाही

अमूमन हर वर्ष किसान अपने खेतों में लगी धान की फसलों को छठ महापर्व सम्पन्न होने के बाद काटना शुरू कर देते है.इस वर्ष भी किसानों ने कटाई शुरू की ही थी मगर मोंथा ने किसानों के मंसूबे पर ऐसा पानी फेरा कि लगभग 40 प्रतिशत धान या तो बारिश में गिर गए या फिर खेत मे जमा हुए पानी में डूबकर बर्बाद हो गए.

गोड्डा प्रखंड में सिर्फ एक ही पंचायत में लगभग 45 से 50 एकड़ की फसल को नुकसान

कृषि विज्ञान के कृषि वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद ने बताया कि 3 दिनों में लगभग 73 मी मी वर्षा जिले भर में रिकॉर्ड किया गया.बताया कि इस बेमौसम तूफानी बारिश से वैसे धानों को ज्यादा क्षति पहुंची है जो पहले पहले लगाई गई थी.बाद के वक्त में लगी धान काफी हद तक सुरक्षित भी है.नुकसान का आकलन तो अभी कृषि विभाग द्वारा होना है.मगर सिर्फ गोड्डा प्रखंड के  हरिपुर गरबन्ना पंचायत में लगभग 45 से 50 एकड़ के धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है.

मोंथा चक्रवात ने किसानों की कमर तोड़कर जरूर रख दिया

बहरहाल ये अब देखने वाली बात होगी कि राज्य सरकार किसानों के नुकसान का आकलन कर कितना राहत देती है और कब तक.मगर सच तो ये है कि इस मोंथा चक्रवात ने किसानों की कमर तोड़कर जरूर रख दिया है.

रिपोर्ट-अजित