TNP DESK- बिहार चुनाव सभी दलों के बड़े -छोटे नेताओं की अग्नि परीक्षा ले रहा है.  तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के लिए तो यह चुनाव अति महत्वपूर्ण है. उनके लिए  तो यह चुनाव करो या मरो का हो सकता है.  इस बार अगर तेजस्वी यादव असफल रहे, तो यह उनके राजनीतिक भविष्य पर काला दाग लग सकता है.  यह  धनबाद के एक वरीय  कांग्रेस नेता का कहना है.  उनका कहना है कि इस बार कांग्रेस हो या गठबंधन के अन्य दल,  सबों ने तेजस्वी यादव की बात मान ली है.  उन्हें महागठबंधन का  सीएम  फेस का भी ऐलान कर दिया.  कांग्रेस 62 सीट पर लड़ने को तैयार हो गई, बावजूद अगर तेजस्वी यादव इस बार विफल रहे, तो उनका राजनीतिक भविष्य भी संकट में पड़ सकता है. 

बिहार में कांग्रेस का भविष्य भी तय करेगा यह चुनाव 

 बिहार में कांग्रेस आगे भी कुछ कर पाएगी अथवा नहीं, इसकी भी परीक्षा होगी.  राहुल गांधी भी बिहार चुनाव को लेकर अग्निपथ पर चल रहे है.  यह  अलग बात है कि नीतीश कुमार का भविष्य क्या होगा, यह अभी भी कहना थोड़ा कठिन है.  भाजपा के छोटे नेता तो कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन इस पर सवाल खड़े किए जा रहे है.  इधर, मोकामा में हुई हत्या के बाद बिहार का चुनाव क्या रास्ता पकड़ेगा, यह  कहना थोड़ा कठिन है.  नीतीश कुमार की सरकार भी इस हत्याकांड को लेकर लोगों के निशाने पर है.  जनसुराज  के  सूत्रधार प्रशांत किशोर की तो प्रतिष्ठा दांव  पर है ही.  लेकिन प्रशांत किशोर की सभा में उमड़  रही भीड़ राजनीतिक पंडितों को भी चौंका  रही है.  हालांकि सीटों का आकलन राजनीतिक पंडित  नहीं कर पा रहे है.  

दो को पटना  में होगा पीएम का रोड शो ,जनसभा भी होगी 

इधर, बिहार मिशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2 नवंबर को पटना में रोड शो होने जा रहा है.   2 तारीख को प्रधानमंत्री भोजपुर और आरा  सहित नवादा में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.  3 नवंबर को सहरसा और कटिहार में प्रधानमंत्री की जनसभा है.  4 नवंबर को महिलाओं के साथ डिजिटल संवाद करेंगे.  6 नवंबर को पहले चरण के वोटिंग के दिन दूसरे चरण के सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेगे.  पहले चरण के मतदान वाले दिन प्रधानमंत्री  अररिया और फारबिसगंज तथा भागलपुर के हवाई अड्डे पर जनसभा है.  इससे पहले 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री छपरा और मुजफ्फर में जनसभा को संबोधित किया था. इधर ,बिहार के  मोकामा   सीट को लेकर किरकिरी हो रही है. 
  पिछले कई दशकों से मोकामा राजनीति और अपराध का "कॉकटेल" बना हुआ है. 

फिलहाल सबसे अधिक चर्चे में है बिहार का मोकामा सीट 
 
गुरुवार की दोपहर दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी.  जनसुराज  और जेडीयू समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में यह हत्या हुई.  चुनाव आयोग ने घटना पर रिपोर्ट तलब की है.  इस मामले में सूचना के मुताबिक चार एफआईआर  दर्ज की गई है.  एक एफआईआर अनंत  सिंह सहित अन्य के खिलाफ दुलारचंद यादव के परिजनों ने दर्ज कराई है.  जबकि दूसरी एफआईआर  जनसुराज  कार्यकर्ताओं पर कराई गई है.  इसके अलावे भी एफआईआर दर्ज हुई है.  मोकामा की राजनीति लंबे समय से अपराध, जाति और बाहुबल के लिए बदनाम रही है.  यह  इलाका भूमिहार बाहुबलियों का गढ़ माना जाता है.  दुलारचंद यादव इस क्षेत्र के कुछ गिने चुने गैर भूमिहार बाहुबलियों  में थे.  हालांकि उनके खिलाफ भी मामले दर्ज थे.  दूसरी ओर अनंत सिंह को  छोटे सरकार कहा जाता है.  2005 से अब तक इस सीट पर प्रभाव बनाए हुए है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो