रांची(RANCHI): झारखंड में कुड़मी के खिलाफ आदिवासी अब बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे है. अब तक के हुए आंदोलन से सरकार को सांकेतिक रूप से चेतावनी दी गई है. अगर फिर आगे कोई कुड़मी को आदिवासी में शामिल करने की मांग करेगा तो झारखंड में हिंसा करने की बात आदिवासी नेता करने लगे है. और सीधी चेतावनी केंद्र के साथ राज्य सरकार को दी है.सीरम टोली स्थित सरना स्थल में आदिवासी नेताओं ने प्रेस वार्ता कर कई बिन्दु पर बात रखी है.

प्रेस वार्ता में केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि रविवार को रांची में आदिवासी बचाव आक्रोश रैली की गई. यह रैली पूरी तरह से सफल रही. सोमवार को धनबाद में आदिवासियों ने अपनी ताकत दिखाई है. इसी तरह से 14 अक्टूबर को खूंटी में आदिवासियों की रैली होनी है. ऐसे में आंदोलन आगे बढ़ चला है. कुड़मी समाज की मांग को किसी भी कीमत में पूरी नहीं होने देंगे.अगर केंद्र या राज्य सरकार कुड़मी की मांग पर कुछ निर्णय लेती है तो फिर आंदोलन उग्र होगा. जिसे रोकना मुश्किल हो जाएगा.

वहीं आदिवासी नेता गलैकसन डूंगडूंग ने कहा कि झारखंड में कुड़मी नेता झारखंड में आंदोलन को हिंसा में बदलना चाहते है. अब झारखंड का आदिवासी चुप नहीं बैठने वाला है. किसी भी कीमत पर कुड़मी को आदिवासी में शामिल नहीं होने देंगे. आदिवासी के हक और अधिकार को छीनने की कोशिश चल रही है. जिसे कभी पुर नहीं होने देंगे. आदिवासी समाज कई आंदोलन कर चुका है और अब फिर बड़े आंदोलन की जरूरत है. कुड़मी गलत तथ्य दिखा कर खुद को आदिवासी बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन कुड़मी ना कभी आदिवासी था और ना बनेगा.