पाकुड़(PAKUR):पाकुड़ के हिरणपुर वन प्रक्षेत्र के चीतलो सुरक्षित वन में वन विभाग की टीम को एक अनोखी खोज का अनुभव हुआ. जहा करोड़ों वर्ष पुराना जीवाश्म (Leaf Impression) अचानक सामने आया, जिसने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया. यह अभियान पाकुड़ वन प्रमंडल पदाधिकारी सौरव चंद्रा के निर्देशन में आयोजित किया गया था.

वरिष्ठ वैज्ञानिक सौरभ पाल ने इस जीवाश्म की पुष्टि की

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक सौरभ पाल ने इस जीवाश्म की पुष्टि की और वन विभाग की टीम को इस ऐतिहासिक खोज के लिए बधाई दी.पाल के अनुसार, यह खोज पाकुड़ जिले की प्राचीन प्राकृतिक विरासत और जैव विविधता को उजागर करने वाली अहम घटना है.विशेषज्ञों का कहना है कि पाकुड़ पहले भी सोनाजोड़ी और बरमसिया क्षेत्रों में जीवाश्मों का केंद्र रहा है, और अब हिरणपुर की यह नई खोज साबित करती है कि यह क्षेत्र प्राचीन जीव-जंतुओं और वनस्पतियों का प्राकृतिक निवास स्थान रहा है.

जीवाश्म विज्ञान में अध्ययन के अवसर मिलेंगे

इस खोज से न केवल शोधार्थियों को जीवाश्म विज्ञान में अध्ययन के अवसर मिलेंगे, बल्कि पाकुड़ जिले की प्राचीन प्राकृतिक धरोहर को भी देश-विदेश में पहचान मिलेगी.वन विभाग ने इसे जिले के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया है और भविष्य में ऐसे खोज अभियानों को और विस्तार देने का ऐलान किया है.

रिपोर्ट-नंदकिशोर मंडल