पाकुड़(PAKUR):पश्चिम बंगाल से सटे पाकुड़ जिले के ग्रामीण इलाकों में फर्जी दस्तावेज़ के सहारे आधार कार्ड बनाए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है.अनुमंडल पदाधिकारी साइमन मरांडी के नेतृत्व में रविवार को एक उच्चस्तरीय टीम ने कई गांवों में छापेमारी कर जांच शुरू की. यह कार्रवाई शिकायतकर्ता तनवीर की शिकायत और उपायुक्त मनीष कुमार के निर्देश पर की गई.
कई जगहों पर संदिग्ध गतिविधियों के प्रमाण भी मिले है
जांच टीम में एसडीओ साइमन मरांडी, सदर बीडीओ समीर अलफ्रेड मुर्मू, यूआईडी अधिकारी रितेश कुमार श्रीवास्तव और मुफस्सिल थाना पुलिस शामिल थी. टीम ने अंजना, इलामी और चांचकी गांव का दौरा कर वहां के साइबर कैफे और ग्राहक सेवा केंद्रों की गहन जांच की.हालांकि, जांच के दौरान जिन लोगों पर फर्जी दस्तावेज़ के सहारे आधार कार्ड बनाने के गंभीर आरोप लगे हैं, वे सभी गांव से लापता मिले. टीम को कई जगहों पर संदिग्ध गतिविधियों के प्रमाण भी मिले है.
एसडीओ साइमन मरांडी ने क्या कहा
कुछ लोगों की गतिविधियां बेहद संदिग्ध पाई गई है.पुलिस के सहयोग से पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है.फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी. प्रशासन ने साफ किया है कि यह जांच केवल दिखावे की नहीं, बल्कि पूरे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करने की दिशा में ठोस कदम है.
राजनीतिक पारा भी चढ़ा भाजपा ने साधा सरकार पर निशाना
इस मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर)पर सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा कि राज्य में फर्जी दस्तावेज़ के सहारे आधार कार्ड बनाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. सरकार तत्काल दोषियों पर कार्रवाई करे और झारखंड में एनआरसी लागू करने पर विचार करे.
फर्जी दस्तावेज़ से सुरक्षा पर खतरा
शिकायतकर्ता तनवीर ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सारजेन शेख, खलीउल्लाह, नुरुल हसन, बानी इसराइल, मासूद शेख, कबीर हक, अब्दुल और आरिफ जैसे लोग जम्मू-कश्मीर, असम, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों के फर्जी आईडी का उपयोग कर आधार कार्ड बनवा रहे थे.तनवीर का कहना है कि यह सिर्फ धोखाधड़ी का मामला नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा पर सीधा खतरा है.
प्रशासन अब एक्शन मोड में
पहले इस मामले को पंचायत स्तर पर जांच के लिए सौंपा गया था, लेकिन मीडिया में खबर सामने आने के बाद प्रशासन ने तेजी दिखाई और एसडीओ के नेतृत्व में प्रत्यक्ष जांच शुरू कर दी। अब प्रशासन का दावा है कि पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचने और इसमें शामिल लोगों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है.
रिपोर्ट-नंदकिशोर मंडल

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